बाइक बोट घोटाले के महाघोटालेबाज बीएन तिवारी के घर की कुर्की
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बाइक बोट घोटाले के महाघोटालेबाज बीएन तिवारी के घर की कुर्की

Feb 1, 2021
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मेरठ। साढ़े चार हजार करोड़ रुपये की  बाइक बोट घोटाले के एक बड़े घोटालेबाज बीएन तिवारी पर आज मेरठ ईओडब्ल्यू ने शिकंजा कस ही दिया। घोटाले के करीब दो साल बाद आज लखनऊ गौमतीनगर स्थित उसके घर की कुर्की शुरू कर दी गई है। मौके पर भारी फोर्स तैनात है। इससे पहले इस महाघोटाले से बी एन तिवारी ने पल्ला झाड़ने की कोशिश की थी।
अग्रिम जमानत याचिका खारिज
अग्रिम जमानत के लिये डाली गयी याचिका में बीएन तिवारी ने कहा है कि इस घोटाले से उसका कुछ लेना देना नहीं हैं। जिस वक्त यह केस पुलिस फाइलों में दर्ज हुआ तब भी उसका नाम नहीं था। निवेशकों से भी उसकी कभी कोई मुलाकात नहीं हुई है। न हो उसने कोई प्रलोभन निवेशको को दिया है। कंपनी में धनराशि निवेशित किये जाने के दौरान भी उसका कंपनी से  कोई संबंध नहीं था। यह भी कहा गया कि उसे यानी बीएन तिवारी को झूठे आरोपों में फंसाया गया है। इन सब दावों को आधार बनाते हुए बीएन तिवारी अग्रिम जमानत के लिये याचिका दाखिल की थी। वहीं अदालत को बताया गया कि बीएन तिवारी के खिलाफ वर्तमान में 61 मुकदमे बाइक बोट घोटाले से संबंधित दर्ज हैं। विशेष न्यायाधीश सूरजपुर ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद तिवारी की याचिका को खारिज कर दिया। इनके साथ ही रविंद्र कुमार,  सुनील प्रजापति, रेखा रानी आदि की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई हैं। बेहद गंभीर बात यह है कि इस घोटाले को उजागर हुए करीब दो साल होने जा रहे हैं लेकिन जेल में बैठे गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर कंपनी के एमडी संजय भाटी को बाहर रह कर मदद पहुंचाने के आरोपी व घोटाले के मास्टरमाइंड बीएन तिवारी के गिरेबां पर पुलिस अभी तक हाथ नही डाल पायी है। संजय भाटी की पत्नी दिप्ती बहल भी खुली हवा में सांस ले रही है। वहीं बाइक बोट के दादरी स्थित कार्यालय पर धरना जारी है। आर्थिक अपराध शाखा नोबेल बैंक के चेयरमैन विजय कुमार शर्मा को भी गिरफ्तार कर चुकी है। इस बीच, लखनऊ स्थित बीएन तिवारी के घर की कुर्की आज शुरू हो गयी है।
लोकलुभावन स्कीम लाये थे घोटालेबाज
करीब दो साल पहले गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर कंपनी ने बाइक बोट नाम से बेहद लुभावनी स्कीम लांच की थी। इसमें निवेशक को करीब 61 हजार रुपये कंपनी को देने थे जिसकी एवज में कंपनी ओला व उबेर की तर्ज पर बाइक सड़क पर उतारती। बदले में हर माह करीब दस हजार रुपये निवेशक को मिलने थे। इस स्कीम को बड़े जोर शोर से शुरू किया गया जिसका असर यह हुआ कि लाखों की संख्या में निवेशको ने इसमें अपने गाढ़े पसीने की कमाई लगा दी। शुरू में कुछ निवेशको को कुछ किश्ते मिली और बाद  में वह भी मिलना बंद हो गई। एक साल बाद के चेक दिये गये जो बाउंस हो गये। निवेशको ने विभिन्न प्लेटफार्म पर धरना प्रदर्शन किया तो संजय भाटी ने बेहद सुनियोजित तरीके से समर्पण कर दिया। तब से लगातार उन लोगो को गिरफ्तारी की जा रही है कि जिन्होंने अपनी लुकलुभावन बातों के लालच में फंसा भोली भाले लोगों से रकम इस स्कीम में लगवाई थी। बीएन तिवारी और संजय भाटी की पत्नी दिप्ती बहल जो इस महाघोटाले में पूरी तरह संलिप्त बताये जाते हैं पुलिस पकड़ से बाहर हैं।  गिरफ्तारी का क्रम तेज होने पर बीएन तिवारी ने अदालत में अग्रिम जमानत के लिये याचिका दाखिल की। इस याचिका में बीएन तिवारी की तरफ से कहा गया कि उसके द्वारा कोई कूटरचित प्रलेख तैयार नहीं किया गया है और न ही कोई चेक अथवा एग्रीमेंट निवेशकों के पक्ष में जारी किया है। उसके द्वारा कोई आर्थिक  लाभ भी नहीं  लिया गया है।
एडिशनल डायरेक्टर का पद लिये था तिवारी
यह बीएन तिवारी का लिखित पक्ष था। अब निवेशकों का पक्ष। निवेशकों के अधिवक्ता ने कहा कि बीएन तिवारी गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स में 14 फरवी 2017  8 फरवी 2018 तक एडिशनल डायरेक्टर पद पर कार्यरत रहा है। इससे पहले कंपनी के लिये लोगो को प्रेरित करने के साथ ही इसका कमीशन प्राप्त करता था। अधिक लाभ पाने के लिये एडिशनल डायरेक्टर बन गया और जब भांडाफोड़ होने पर रिपोर्ट दर्ज होने लगी तो पद से इस्तीफा दे दिया। आऱोप है कि बीएन तिवारी को कंपनी और कंपनी की कारगुजारियों की पूरी जानकारी थी, और उसकी बराबर संलिप्ता भी रही है। इस पर विशेष न्यायाधीश, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति अधिनियम, गौतमबुद्धनगर ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। निवेशकों के अधिवक्ताओं ने अदालत में उन 61 केसों का भी हवाला दिया था जो बीएन तिवारी के खिलाफ दर्ज कराये गये हैं। आर्थिक अपराध शाखा मेरठ के अपर पुलिस अधीक्षक रामसुरेश यादव ने बताया कि बीएन तिवारी की गिरफ्तारी के काफी समय से प्रयास किये जा रहे थे, गिरफ्तारी से बचने के लिये वह अग्रिम जमानत के लिये अदालत भी गया लेकिन वहां से राहत नहीं मिली। अब उसे घर की कुर्की की जा रही है। ईऔडब्लूय संजय की पत्नी दीप्ति बहल, लोकेंद्र व भूदेव की कुर्की के आदेश भी ले चुकी है। जल्द ही इन पचास हजारी आऱोपियों की कुर्की की जायेगी।

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