मेरठ में फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार
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मेरठ में फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार

Feb 13, 2021
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मेरठ। यूपी में वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य है। एक अप्रैल से यह न होने पर बकायदा चालान शुरू हो जायेंगे। वेबसाइट पर बुक कराने पर दो सप्ताह तक यह प्लेट आ पा रही है। वाहनों की संख्या अधिक व प्राय सर्वर धीमा होने के कारण यह  विलंब हो रहा है। इसका फायदा उठाते हुए ही कई लोगों ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के नाम पर हूबहू प्लेट बनाने का काला धंधा शुरू कर दिया है। बीते दिवस उत्तर प्रदेश के दिल कहे जाने वाले मेरठ में पुलिस ने एक ऐसे ही गिरोह का भंडाफोड़ किया जो फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाकर दे रहा था। फीस आधी होने व मामूली अंतराल में उपलब्ध होने के कारण लोग इनके झांसे में भी आ रहे हैं।

अपने पाठकों के लिये एक बार फिर से  दोहरा देते हैं कि उत्तर प्रदेश में मार्च 2021 से बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसएनपी) वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन नहीं होंगे। ऐसे में जिन लोगों ने एक अप्रैल 2019 (31 मार्च 2019 तक पंजीकृत) से पहले गैर व्यावसायिक वाहन (कार, बाइक, स्कूटर आदि) खरीदा है, और हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लिया है तो वे 28 फरवरी 2021 तक लगवा सकते हैं।  हाई सिक्योरिटी नंबर  प्लेट पाने के लिये वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। वेबसाइट पर वाहन मालिक सुविधानुसार डीलर चुनकर रसीद प्राप्त कर सकते हैं। रसीद दिखाकर वह अपना काम आरटीओ ऑफिस में करवा सकते हैं। फिलहाल रजिस्ट्रेशन की बढ़ती मांग की वजह से प्राय तमाम शहरों में एक से दो सप्ताह की वेटिंग चल रही है। इसकी वजह वजह धीमा सर्वर और आवेदनों की बढ़ती संख्या बताया जा रहा है।

 

इस बीच, मेरठ में फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाते हुए पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके पास से पांच सौ से ज्यादा फर्जी नंबर  प्लेट व मशीनें बरामद हुई हैं। बता दें कि सरकार द्वारा अधिकृत सेंटर से बनायी गयी प्लेट को स्कैन कर गाड़ी का इतिहास भूगोल जाना जा सकता है, लेकिन फर्जी तरीके से बनी प्लेट लगती हू ब हू ही हैं लेकिन इन्हें स्कैन नहीं किया जा सकता। सिविल लाइन थाना इंस्पेक्टर अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया, शुक्रवार रात मोहनपुरी में एक फैक्ट्री पर छापा मारा। यहां पर वाहनों की फर्जी हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट बन रही थीं। करीब 500 तैयार नंबर प्लेट, 50 अद्ध्रनिर्मित प्लेट, 300 से ज्यादा खाली प्लेट, होलोग्राम,  मशीनआदि बरामद हुए हैं। फैक्ट्री मालिक तनुज अग्रवाल निवासी सम्राट पैलेस व श्रीराम निवासी मोहनपुरी को गिरफ्तार किया हैं। वहीं,  सदर बाजार थाना पुलिस ने थापरनगर गुरुद्वारे के पास फर्जी ढंग से हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट बेचने के आरोप में संदीप को गिरफ्तार किया है। 12 नंबर प्लेट बरामद हुई हैं। उसके साथी वसीम की तलाश जारी है। पूछताछ में तनुज अग्रवाल ने  पुलिस को बताया कि वह दिल्ली से खाली प्लेट खरीदता था। फैक्ट्री में विभिन्न नंबरों की डाई मिली हैं। खाली प्लेट पर ये डाई रखी जाती थी। हाईड्रोलिक मशीन से प्लेट दबाई जाती थी। इस तरह डाई के नंबर उस प्लेट पर छप जाते थे। प्रत्येक नंबर के ऊपर इंडिया लिखा होता है। इंडिया छपे रैपर भी दिल्ली से आते थे। इन्हें पेस्टिंग मशीन के जरिये नंबरों के ऊपर चिपकाया जाता था। होलोग्राम भी नकली था। होलोग्राम के नीचे इंडिया और उसके नीचे बेहद सूक्ष्म बारकोड छपा होता है। इस नकली प्लेट में सिर्फ बारकोड नहीं था, बाकी सबकुछ दिखने में असली जैसा था। बारकोड के बारे में ज्यादातर ग्राहकों को पता नहीं होता। ये लोग दुकानदारों को तीन सौ रुपये में उपलब्ध करा रहे थे जबकि दुकानदार पांच सौ से छह सौ रुपये ग्राहकों से वसूल रहा है। वहीं सरकार द्वारा अधिकृत सेंटर की प्लेट की कीमत माडल के हिसाब से 15 सौ रुपये तक वसूली जा रही है।

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