भरी मीटिंग में मातहत अफसर से बोले प्रमुख सचिव, ‘चिड़ियाघर से बुलाकर बैठा दिया है निदेशक को।।
-आनलाइन मीटिंग में मातहतों के सामने किया अपमानित
-अपमान के तुंरत बाद ही निदेशक आ गये थे तनाव में
-अगले दिन आफिस आते ही लड़खड़ा कर गिर गये निदेशक
-बेवकूफ आदमी को निदेशक बना कर बैठा दिया- प्रमुख सचिव
लखनऊ। मतहतों के प्रति दुर्व्यहार के मामले बढ़ते जा रहे हैं। वरिष्ठ अफसरों द्वारा अपने मातहत अफसरों व स्टाफ के साथ जिस भाषा में वे बात कर रहे हैं वह बेहद आपत्तिजनक है। बीते दिवस ऐसी ही एक टिप्पणी का असर यह हुआ कि समाज कल्याण विभाग के निदेशक और सीनियर आईएएस अधिकारी बालकृष्ण त्रिपाठी की तबियत अचानक खराब हो गयी और वह लड़खड़ाते हुए नीचे गिर गये। उन्हें अस्पताल भेज कर कर्मचारियों ने प्रमुख सचिव बीएल मीणा के खिलाफ बगावत का बिगुल बजा दिया। कार्यालय पर नारेबाजी के बीच ताले जड़ दिये गये।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि दो दिन पहले प्रमुख सचिव ने स्कॉलरशिप की ऑनलाइन मीटिंग में निदेशक को अपशब्द कहे थे। मीटिंग में 75 जिलों के अधिकारी-कर्मचारी जुड़े थे। मीटिंग में प्रमुख सचिव बीएल मीणा ने निदेशक को जमूरा बताते हुए सवाल किया कि एक बेवकूफ आदमी बैठा दिया है सरकार ने, इसको कुछ आता-जाता नहीं है। पता नहीं कहां से चिड़ियाघर से बुलाकर डायरेक्टर को बैठा दिया है। ऑनलाइन मीटिंग में प्रमुख सचिव ने निदेशक पर एससी-एसटी एक्ट में एफआईआर कराने तक की चेतावनी दी थी। मातहतों के सामने सार्वजनिक रूप से इस व्यवहार से बाल कृष्ण त्रिपाठी ने स्वयं को अपमानित पाया। वह तनाव में आ गये थे। गुरुवार सुबह वह ऑफिस पहुंचे तो उनकी तबीयत बिगड़ गई। उनके अस्पताल जाते ही कर्मचारियों ने कार्यालय में तालाबंदी कर दी। इन लोगों का आरोप है कि प्रमुख सचिव आये दिन मातहतों से मिस बिहेव करते हैं।