मेरठ सूरजकुंड के आकंड़े कुछ और ही हकीकत बयां कर रहे,आसपास दहशत
-मरने वालों के आंकड़ों में भारी फर्क
-सीएमओ आफिस कुछ तो शासन कुछ और
-आसपास रहने वालों का राख व गंध से जीना हुआ दूभर
सोशल मीडिया पर यह स्लोगन आपने खूब सुना होगा कि इन दिनों अपना ख्याल रखियेगा..क्योंकि अपने परिवार के लिये आप दुनिया हैं और सरकार के लिये सिर्फ एक आंकड़ा भर। मैं हूं रवि शर्मा और आप देख रहे हैं फर्स्ट बाइट टीवी। बात अगर कोरोना संक्रमण की की जाये तो मेरठ ने यूपी के बाकी सभी जिलों को पीछे छोड़ दिया है। जहां तक सवाल रोजाना कोरोना से मरने वालों की संख्या का है तो सीएमओ आफिस रोजाना कुछ बता रहा है, शासन कुछ और ..और सूरजकुंड जहां लोगों को अंतिम संस्कार के लिये लाया जाता है वह कुछ और। सीएमओ आफिस जहां अधिकतम 16 लोगों के मरने की बात करता है तो सूरजकुंड पचास से साठ तक। आसपास के लोगों का बुरा हाल है, राख व गंध दीवारों को पार कर उनके घर के भीतरी कक्ष तक दस्तक दे रही है….डराने वाली दस्तक। फर्स्ट बाइट सहयोगी ने श्री गंगा मोटर कमेटी के महामंत्री दिनेश चंद से मुलाकात कर वास्तविकता के पीछे झांकने की कोशिश की। तो सच यहीं नजर आय़ा कि सीएमओ, शासन और वास्तविकता में खासा अंतर है। हांलाकि कई बार आसपास इलाके के लोग भी यहां अंतिम संस्कार के लिये शव लाते हैं।