नोएडा विकास प्राधिकरण में 12 करोड़ रूपये का घोटाला, रिपोर्ट दर्ज
-हाईकोर्ट ने मामला निरस्त होना छिपाया गया
-मुआवजे के भुगतान में किया गया 12 करोड़ का खेल
-विधि सलाहाकार समेत तीन के खिलाफ मुकदमा
-1982 में भूमि प्राधिकरण ने अधिगृहित की थी
नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा विकास प्राधिकरण में 12 करोड़ की मुआवजा राशि में घोटाला सामने आया है। प्राधिकरण की आंतरिक जांच में आरोप सही पाए जाने पर आरोपियों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। जिन तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें नोएडा प्राधिकरण के विधि सलाहकार भी शामिल हैं।
दर्ज रिपोर्ट के अनुसार मामला नोएडा साल 1982 में राजस्व ग्राम गेझा तिलपताबाद निवासी फुंदन की जमीन के 12 करोड़ रूपये मुआवजे से जुडा है। फुंदन की काफी पहले मृत्यु हो चुकी है। उस वक्त नोएडा प्राधिकरण ने फुंदन की जमीन को अधिगृहित किया था। मुआवजे से असंतुष्ट होकर जमीन मालिक ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। साल 1993 में अदालत ने मामले का निपटारा कर दिया। इसके बाद भी फुंदन की बेटी साल 2015 में इस मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गई।
हाईकोर्ट ने मामले को खारिज कर दिया। बावजूद इसके फुंदन की बेटी ने नोएडा प्राधिकरण के सामने समझौते की अपील दाखिल कर दी, उसने लेकिन को यह नहीं बताया कि हाईकोर्ट ने उसकी अपील को खारिज कर दिया है। मामले में अब फंसी फुंदन की बेटी ने नोएडा प्राधिकरण में दाखिल समझौते के आवेदन में कहा था कि, मामला हाईकोर्ट में लंबित है. यह फाइल प्राधिकरण ने अपने लीगल सेल में भेजी। ताकि विधि सम्मत सलाह लेकर मामला का निपटारा किया जा सके। आरोप के मुताबिक प्राधिकरण के विधिक विभाग ने इस फाइल को कुछ इस तरह घुमा-फिराकर डील किया कि, जिससे नोएडा अथॉरिटी को 12 करोड़ की आर्थिक चपत लग गई। नोएडा प्राधिकरण ने इस मामले की अपने स्तर से जांच कराई तो उसमें साबित हो गया कि, अथॉरिटी को 12 करोड़ की आर्थिक चपत अपने ही विधि विभाग के कुछ सलाहकारों के गलत मश्विरे के चलते लगी है। लिहाजा प्राधिकरण ने आरोपी महिला और अपने विधि सलाहकारों सहित 3 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया।