आईएमए ने तीसरी लहर की आशंका के बीच कावड़ं यात्रा पर रोक लगाने की मांग की
तीसरी लहर भी आ रही है जल्द
पहली लहर के बाद गाइड लाइन का पालन नहीं किया गया
इसके चलते दूसरी घातक लहर का सामना करना पड़ा देश को
देहरादून। तमाम जद्दोजहद व कशमकश के बीच यूपी के बाद उत्तराखंड मुख्यमंत्री ने जुलाई अगस्त में होने वाली कांवड़ यात्रा को अपनी मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी उस वक्त दी गयी है जब कोरोना की तीसरी लहर की प्रबल संभावना जताई जा रही है। जाहिर है कि कुंभ मेले की ही तर्ज पर ही कांवड़ यात्रा का असर भी कोरोना संक्रमण की दर पर भी पड़ सकता है। लिहाजा कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। उत्तराखंड की इंडियन मेडिकल एसोसिएशन शाखा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस यात्रा पर रोक लगाने की मांग की है। आईएमए के राज्य सचिव डॉक्टर अजय खन्ना ने सीएम को पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया है कि तीसरी लहर देश में दस्तक देने वाली है। कोरोना की पहली लहर के बाद कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं किया गया। जिसके चलते कोरोना की दूसरी लहर ने ज्यादा तबाही मचाही थी।
आपको याद दिला दें कि करीब एक पखवाड़े तक चलने वाली कांवड़ यात्रा सावन महीने की शुरुआत से लेकर तकरीबन 15 दिन तक चलती है। इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के लाखों कांवड़िए गंगा का पवित्र जल लेने के लिए हरिद्वार में जमा होते हैं। जल लेकर वह विभिन्न राज्यों से होते हुए अपने निकट के शिवालय में जल अर्पण करते हैं। इसका बहुत महत्व है।