काबुल एयरपोर्ट पर भूखमरी : पानी तीन हजार तो चावल की प्लेट सात हजार रू में मिल रही
एक सप्ताह में बुरा हाल हुआ नागरिकों का
भूख प्यास में इधर उधर लुढ़क रहे अफगानी
अफगान करेंसी हुई धड़ाम, डालर में मिल रहा सामान
बीस साल के अमेरिकी संरक्षण में भी खड़ी न हो पाई अफगान सेना
राष्ट्रपति ने अपनी जान बचाई, नागरिकों को नरक में धकेला
काबुल। तालिबान ने अफगानिस्तान के हालात बद से बदत्तर कर दिये हैं। कब्जे के बाद एक सप्ताह का वक्त अफगानियों के लिये मुसीबत का पहाड़ लेकर आया है। लोग जल्द से जल्द अपने हम वतन को छोड़ कर कहीं सुरक्षित चले जाने चाहते हैं। नतीजतन काबुल एयरपोर्ट पर बुरा हाल है। सीमित उड़ान व फायरिंग के बीच मौत की आशंका के चलते हर नागरिक के चेहरे पर खौफ के साथ ही जिदंगी के प्रति निराशा, हताशा छाई हुई है। भूख व प्यास शरीर को निर्जीव बनाने पर आमादा है। यही कारण है कि काबुल एयरपोर्ट पर किसी तरह खुद को जीवित रखने की जद्दोजहद में लगे लोग तीन हजार रुपये में पानी की बोतल व सात हजार रुपये में एक प्लेट चावल लेने को मजबूर हैं।
तालिबान जाहिर तौर पर व नाम है जिसने अफगानिस्तान की स्थिति और परिस्थिति, दोनों को बदलकर रख दिया है। एक तरफ आम अफगानियों पर जुल्म हो रहा है तो दूसरी तरफ अफगानिस्तान में भूखमरी दस्तक दे रही है। इन सब मुश्किलों के बीच अफगानिस्तान छोड़कर जाने के लिए आतुर जनता की मजबूरी भरी तस्वीरें दिल तोड़ रही हैं। गंभीर तथ्य यह भी है कि काबुल एयरपोर्ट पर बिक रहे पानी व चावल की प्लेट पाने के लिये भुगतान भी डालर में लिया जा रहा है, दुनिया भर में अफगान करेंसी के मूल्य में आई गिरावट के चलते इसे कोई तवज्जो नहीं दे रहा है।
एयरफोर्स विमान में लिया बच्ची ने जन्म
इस बीच, एक राहत भरी खबर एक परिवार के लिये यह भी रही कि पलायन करने वाले अफगानों को लेकर जा रहे अमेरिकी एयरफोर्स के विमान C-17 में एक बच्ची ने जन्म लिया। जैसे ही ये विमान जर्मनी के एयरबेस पर उतरा वहां मौजूद मेडिकल स्टाफ ने तुरंत बच्ची और मां को पास के अस्पताल पहुंचाया। मां-बाप ने बेटी का नाम उन्हें अफगानिस्तान से सुरक्षित निकालकर जर्मनी पहुंचाने वाले विमान के नाम पर – रीच रखा है।