किसान संगठनों की बेहद महत्वपूर्ण आज की बैठक स्थगित
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किसान संगठनों की बेहद महत्वपूर्ण आज की बैठक स्थगित

Dec 1, 2021
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किसान आंदोलन जारी रखा जाये अथवा स्थगित कर दिया जाये इस पर निर्णय लेने के लिये आहूत की गई चालीस किसान संगठनों की आज की बैठक स्थगित हो गयी है। इस बैठक में किसानों की घर वापसी व एमएसपी कमेटी के गठन के प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी। सरकार ने संगठन से वार्ता के लिये अपने पांच नाम देने का आग्रह किया है। पिछले दो तीन दिन से बराबर यह खबरें बाहर आ रही हैं कि तीन कृषि कानून रद्द होने के बाद अब आंदोलन का कोई औचित्य नहीं रह गया है, एमएसपी पर निर्णय लेने के लिये सरकार को कुछ समय दिया जाना चाहिए। वहीं राकेश टिकैत का कहना है कि कुछ लोग आंदोलन खत्म होने की अफवाह फैला रहे हैं, जबकि ऐसा कुछ नहीं है।

पंजाब के 32 संगठनों की कल हुई बैठक में आम सहमति बनी कि संसद से कृषि कानूनों की वापसी के साथ ही आंदोलन की जीत हो चुकी है। एमएसपी कानून बनने की प्रक्रिया में समय लगेगा इसलिए सरकार को एक समय सीमा देकर वापस लौटना चाहिए। बताया गया है कि 32 में से 20-22 करीब आधे संगठन वापसी चाहते हैं जबकि करीब 8-10 संगठन बाकी मांगें मनवाने तक रुकने के पक्ष में हैं। हालांकि पंजाब के जोगिंदर सिंह उगराहां और सरवन सिंह पंढेर हरियाणा के गुरनाम चढूनी जैसे बड़े किसान नेता धरना जारी रखने के पक्ष में हैं। इनके संगठन के किसान बड़ी संख्या में सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर बैठे हैं।

दरअसल, कृषि कानूनों का सबसे पहले विरोध पंजाब के किसानों ने ही किया था, उन्हीं के आह्वान पर पंजाब के साथ हरियाणा के किसानों ने दिल्ली कूच किया था। इसमें बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसान भी शामिल हो गए। आंदोलन धीरे धीरे देश के कई राज्यों में फैला। आंकड़े बताते हैं कि देश में MSP पर सबसे ज्यादा खरीद पंजाब और हरियाणा में ही होती है, इसलिए उनकी MSP को लेकर प्रमुख मांग नहीं थी। पंजाब के किसानों की प्राथमिकता तीन कृषि कानूनों की वापसी और पराली जलाने पर दंडनीय कार्रवाई ना करना ही था, केन्द्र सरकार दोनों ही मांगों को पूरा कर चुकी है।

किसान नेता दर्शन पाल ने सरकार के काम करने के तरीके पर भी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि, सरकार का काम करने के तरीका बेहद गलत है। यदि सरकार को 5 नाम चाहिए तो एसकेएम को आधिकारिक पत्र लिख नाम मांगने चाहिए, पता नहीं सरकार ऐसा क्यों नहीं करती है ? अभी हमारे पास एक फोन और भी आया है कि हरियाणा के किसानों के ऊपर से मुकदमे हटाए जाएंगे, हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई है। उन्होंने आगे बताया कि, हम 5 लोगों के नामों को लेकर 4 दिसंबर को फैसला लेंगे।

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