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धांधली के आरोपों के चलते मेरठ बार एसोसिएशन की मतगणना पर अगले आदेश तक रोक

Dec 20, 2021
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  • चार प्रत्याशियों ने लगाये हैं अनियिमतता के गंभीर आरोप
  • एल्डर्स कमेटी के खिलाफ भी अधिवक्ताओं में है रोष
  • 19 को शाम को रोक दी गई थी मतगणना
  • अनहोनी की आशंका के चलते लगाई गई रोक

मेरठ बार एसोसिएशन की बीते दिवस रोकी गई मतगणना आज शुरू होने से ही पहले ही अगले आदेश तक के स्थगित कर दी गई। चुनाव में अनियमितता के आरोपों व बवाल की आशंका के मद्देनजर यह रोक लगाई गई है। इसे संज्ञान लेते हुए काउंसिल ऑफ यूपी के अध्यक्ष शिरीष कुमार महरोत्रा के आदेश पर मतगणना अग्रिम आदेश तक रोकी गई है। निर्देश दिए गए हैं कि इस बीच यदि किसी अधिवक्ता ने कोई अनियमितता व अनुशासनहीनता की तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में जिला जज व जिलाधिकारी मेरठ को भी पत्र लिखा गया है कि मतपत्रों को पुलिस अभिरक्षा में रखवा लें, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

बार काउंसिल ऑफ यूपी के अध्यक्ष शिरीष कुमार महरोत्रा ने बलवंत सिंह, अजय कुमार शुक्ला और अजय यादव की एक तीन सदस्यी विशेष जांच समिति गठित की है। यह समिति एक सप्ताह में अध्यक्ष को रिपोर्ट भेजेगी। वहीं बार काउंसिल ऑफ यूपी के सदस्य रोहिताश्व अग्रवाल ने स्थानीय होने के नाते जांच समिति में शामिल न होने का अनुरोध किया है। दरअसल, धांधली की शिकायत अध्यक्ष प्रत्याशीसुशील कुमार गुप्ता, जितेंद्र सिंह बना, परवेज आलम व अधिवक्ता अनुज कुमार शर्मा ने बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के सदस्य व पूर्व अध्यक्ष रोहिताश्वव कुमार अग्रवाल से की थी। रोहिताश्व अग्रवाल ने चेयरमैन को अवगत कराया कि मेरठ बार एसोसिएशन के सदस्यों में एल्डर्स कमेटी के विरूद्ध आक्रोश है और कोई संगीन वारदात होने की प्रबल आशंका है। इसके चलते ही 19 दिसम्बर को अनियमितता होने के कारण मतगणना रोक दी गई है।

इस सिलसिले में चेयरमैन द्वारा भेजे गये पत्र में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायाल, बार काउंसिल आफ इंडिया द्वारा पारित आदेश व माडल बाइलाज में में उल्लेखित तथ्यों को देखते हुए मेरठ बार एसोसिएशन की मदगणना जो अनियितता होने पर 19 दिसम्बर को रोक दी गई थी, अब अगले आदेश तक के लिये रोकी जाती है। साथ ही यह भी निर्देशित किया जाता है कि किसी प्रकार की अनियमितता किसी अधिवक्ता द्वारा की जाती है तो शिकायत प्राप्त होने पर उसके विरुद्ध अनुशासनात्म कार्यवाही की जायेगी।

 इससे पहले रविवार को शाम पांच बजे तक 1600 मतों की गिनती की घोषणा करते हुए चुनाव अधिकारियों ने शेष मतों की गणना सोमवार को करने की घोषणा कर दी। चुनाव अधिकारी चौधरी नरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि रविवार सुबह नौ बजे से मतगणना पंडित नानक चंद सभागार और दाताराम सिंगल लाइब्रेरी में चुनाव अधिकारियों और एल्डर्स कमेटी की देखरेख में हुई। मतगणना शाम पांच बजे तक चली। रविवार को मतगणना समाप्त होने पर कुछ अधिवक्ताओं ने मतगणना में धांधली होने का आरोप लगाया जिसके चलते कुछ समय के लिए वहां हंगामे के हालात पैदा हो गये थे।

बार एसोसिएशन अध्यक्ष पद के उम्मीदवार जितेन्द्र सिंह बना, सुशील कुमार गुप्ता और महामंत्री पद के प्रत्याशी परवेज आलम एवं अनुज कुमार शर्मा ने उप्र बार काउंसिल को पत्र लिखकर आरोप लगाये है कि रविवार को शाम पांच बजे तक दो टेबल पर मतगणना हुई। पहली टेबल पर 1000 मतपत्रों की गिनती हुई तो दूसरी टेबल पर 1919 मतपत्र गिने गए। इनकी जगह जल्दबाजी में केवल 1600 मतों का परिणाम जल्दबाजी में घोषित कर दिया गया। इसमें निरस्त मतपत्रों की संख्या भी  नहीं बताई गई। प्रत्याशियों के एजेंट जबरन बाहर निकाल दिए गए। इससे पहले व्हाट्सएप पर भी 1550 मतों की गिनती का ब्योरा जारी किया गया। तीनों प्रत्याशियों का आरोप है कि 218 लोगों से गलत ढंग से मतदान कराया गया। फोटोयुक्त मतदाता सूची भी प्रत्याशियों को नहीं दी गई।

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