हाईकोर्ट ने कहा-तीसरी लहर की आशंका के बीच पीएम मोदी चुनाव व रैली टालें
- नये वैरिएंट के तेजी से बढ़ रहे हैं मामले
- कई देशों ने आंशिक या पूर्ण लाकडाउन लगाया
- पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से बढ़ेगा खतरा
- चुनावी रैलियों में बिना मास्क पहुंच रही है भारी भीड़
- मतदाताओं को लुभाने को शिलान्यास व लोकार्पण योजनाएं
कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रोन का खतरा बढ़ता जा रहा है, देश में संक्रमितों की संख्या में भी लगातार तेजी से इजाफा हो रहा है। ऐसे में आशंका लगाई जाने लगी है कि ओमिक्रोन के रूप में देश में कोरोना की यह तीसरी लहर आने से पहले के संकेत हैं। गंभीर बात है कि देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इसके चलते चुनावी रैलियां की जा रही हैं, योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास के नाम पर सभाएं हो रही हैं, रथयात्रा निकाली जा रही हैं। यूपी की राजनीति में खासा दखल देने वाली सपा के मुखिया अखिलेश यादव के दरवाजे पर कोरोना ने दस्तक दे दी है। इन सब को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरूवार को पीएम मोदी व चुनाव आयुक्त से यूपी में फिलहाल चुनाव टालने व रैलियों पर पाबंदी लगाने का आग्रह किया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुझाव दिया है कि राजनीतिक दलों से कहा जाए कि वह चुनाव प्रचार टीवी व समाचार पत्रों के माध्यम से करें। कोर्ट ने पीएम से अनुरोध किया है कि वह पार्टियों की चुनावी सभाएं व रैलियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं। प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है? दरअसल, यह टिप्पणी जस्टिस शेखर कुमार यादव ने उत्तर गिरोहबंद कानून के तहत जेल में बंद आरोपी संजय यादव की जमानत को मंजूर करते हुए की है। संजय यादव के खिलाफ इलाहाबाद के थाना कैंट एरिया में मुकदमा दर्ज है। हाई कोर्ट ने जमानत मंजूर करते हुए कहा कि आज इस न्यायालय के समक्ष लगभग चार सौ मुकदमें सूचीबद्व है। नित्य नये मुकदमें इस न्यायालय के समक्ष सूचीबद्व होते हैं ,जिस कारण अधिक संख्या में वकील उपस्थित होते हैं और उनके बीच किसी भी प्रकार की सोशल डिस्टेंस नहीं होती है। वह भी तब जबकि कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के मरीज बढ़ते जा रहे हैं और तीसरी लहर आने की संभावना है.
हाई कोर्ट ने कहा कि यह समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इस भयावह महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैंड, आयरलैंड, जर्मनी, स्कार्टलैंड जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है। ऐसी दशा में रजिस्ट्रार जनरल, हाई कोर्ट इलाहाबाद से आग्रह है कि वह इस विकट स्थिति से निपटने के लिए नियम बनायें।