प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में लापरवाही हुई अथवा नहीं, चुनावी रैली खराब मौसम के कारण स्थगित हुई, या भीड़ न जुटने के कारण ये तमाम सवाल राजनीतिक गलियारे का आज का मुख्य मुद्दा है। पीएम को वापस लौटना पड़ा इसके लिये पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने खेद तो जताया लेकिन साथ ही यह भी जोड़ दिया कि सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है। साठ हजार सीटों की जगह केवल सात सौ लोग ही पहुंचे तो वह क्या कर सकते हैं, रही बात विरोध प्रदर्शन की तो वह अपने लोगों पर लाठीचार्ज नहीं करा सकते।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को लेकर पंजाब में जो हुआ उस पर सिसायत हावी है। भाजपा इसके लिए पंजाब सरकार और पुलिस को जिम्मेदार ठहरा रही है तो कांग्रेस इसकी जिम्मेदारी SPG और IB पर मढ़ने की कोशिश में है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके कहा है कि पीएम के दौरे पर सुरक्षा की जिम्मेदारी SPG और IB की होती है। राज्य पुलिस सिर्फ SPG के निर्देशों और सलाह का पालन करती है। SPG की अनुमति के बिना पीएम का काफिला आगे नहीं बढ़ सकता है, SPG को बताना चाहिए कि बिना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के प्रधानमंत्री को 2 घंटे से अधिक समय की सड़क यात्रा क्यों करवाई गई ? उन्होंने कहा कि अगर किसानों के प्रदर्शन के बारे मेंं पहले ही जानकारी दे दी गई थी, तब भी प्रदर्शन वाले रास्ते में पीएम के काफिले को जाने की अनुमति SPG ने क्यों दी ? अशोक गहलोत ने साफ-साफ कहा कि ये एक गंभीर मुद्दा है…जिस पर राजनीति करने की बजाय SPG, IB और दूसरी एजेंसियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। पीएम की सुरक्षा में सेंध का मामला गंभीर है, लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सुरक्षा में सेंध का ड्रामा कर रही है, जबकि पीएम रैली में भीड़ न होने की वजह से वापस गए।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई। वह किसानों पर लाठाचार्ज नहीं करवा सकते थे। सीएम चन्नी ने कहा कि मैं एक बात कहना चाहता हूं कि किसी भी नुकसान से पहले मैंने अपना खून बहा दिया होता, यह पंजाबियों की भावना है.” उन्होंने कहा कि कोई पंजाबी व्यक्ति राज्य में आने वाले अतिथि पर हमला करने के बजाय मरना पसंद करेगा।