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भाजपा टिकटों का मंथन : इन 176 विधायकों के नाम लगभग तय

Jan 12, 2022
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  • करीब पचास विधायकों के टिकट कटने की आशंका
  • जनता की कसौटी पर खरा नहीं उतरते ये विधायक
  • 176 नामों पर मंथन बैठक में जताई जा चुकी सहमति
  • स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
  • सात साल से विचाराधीन मामले में दिये गये ये आदेश

भारी राजनीतिक उठा पटक के बीच दिल्ली में भाजपा के टिकटों को लेकर मंथन जारी है। अब तक करीब पचास ऐसे मौजूदा विधायकों के नाम सामने आये हैं जो जनता की कसौटी पर खरा नहीं उतर रहे हैं। इनके टिकट कटने की पूरी पूरी आशंका जताई जा रही है। वहीं बीते दिवस से चली आ रही बैठक में करीब 176 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम लगभग फाइनल हो चुके हैं। इनमें विशेष रूप से वे विधायक शामिल बताये जा रहे हैं जिनकी छवि अच्छी है और जनता के बीच वह काम करते आ रहे हैं। इन पर बस आला कमान की मोहर लगनी बाकी है। बाकी पर भी तेजी से विचार किया जा रहा है।

उधर भाजपा का दामन झटकने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ आज एमपी-एमएलए कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में बुधवार को स्पेशल मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए/एसीजेएम द्वितीय योगेश यादव ने गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है। यह आदेश मौर्य के अदालत में हाजिर न होने पर सुनाया गया है। मामले में अगली सुनवाई 24 जनवरी को होगी।

बता दें कि धनपतगंज ब्लॉक के जूडापट्टी गांव निवासी अधिवक्ता अनिल तिवारी ने देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर किया था। यह मामला पिछले सात साल से विचाराधीन है।

भाजपा से इस्तीफों की बरसात के बीच पार्टी ने चुनावी मैदान में उतरने के लिये कमर को और कस लिया है। डैमेज कंट्रोल के बीच दिल्ली में आज हुई पार्टी की उच्च स्तरीय मीटिंग में यह बात निकल कर सामने आयी कि यूपी में योगी से जनता की नाराजगी नहीं है लेकिन स्थानीय विधायकों से वे खासे नाराज है। इसे देखते हुए उन विधायकों के नाम पर चर्चा की गई जो जनता की नाराजगी की श्रेणी में आते हैं। सूत्रों का दावा है कि ऐसे विधायकों की संख्या 45 से ज्यादा है। जाहिर है कि इन सभी पर इस बार टिकट बटवारे के दौरान तलवार लटकना स्वाभाविक है।

यूपी में चुनाव घोषित होते हुए आज भाजपा को एक के बाद एक कई झटके लगे। पहला बड़ा झटका भाजपा को स्वामी प्रसाद मौर्य के रूप में लगा। स्वामी प्रसाद ने यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ ही भाजपा को बाय बोल दिया। स्वामी प्रसाद के बाद उनके करीबी तीन और विधायकों बांदा जिले की तिंदवारी से विधायक ब्रजेश प्रजापति, शाहजहांपुर की तिलहर सीट से विधायक रोशन लाल वर्मा और कानपुर के बिल्हौर से भाजपा विधायक भगवती सागर ने भी भाजपा को अलविदा कह दिया। इन सभी विधायकों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में पार्टी से किनारा किया है।

भाजपा नेतृत्व जहां एकदम से ही सक्रिय होकर डैमेज कंट्रोल में जुट गया वहीं यह भी कहा जाने लगा है कि अब केवल वही विधायक पार्टी छोड़ कर कही ओर जा रहे हैं जिनको इस बार टिकट नहीं मिलना था। टिकट कटने के डर से वे पार्टी छोड़ रहे हैं। बता दें कि समोवार को बंदायू कि बिल्सी विधानसभा से भाजपा के विधायक पंडित आरके शर्मा ने भाजपा को अलविदा कह दिया था। शर्मा ने अखिलेश की मौजूदगी में सपा ज्वाइन कर ली है। स्वामी प्रसाद मौर्य समेत बाकी तीनों विधायकों के समाजवादी पार्टी में जाने की खबर है।

इस बीच, दिल्ली में हुई बैठक में कहा गया है कि जनता के बीच योगी को भरपूर समर्थन प्राप्त है। वह बहुसंख्यक समाज में एक दमदार व हिंदूवादी नेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं लेकिन जनता के बीच ऐसा एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो स्थानीय विधायक के क्रिया कलापों से खासा नाराज है। इनमें से कई विधायक ऐसे भी हैं जिन्होंने पार्टी की गणेश वंदना तो की लेकिन जनता के बीच जाकर कोई काम नहीं किया, कुछ ने अथाह संपत्ति भी अर्जित कर ली है। सूत्रों का कहना है कि ऐसे विधायकों की संख्या 45 से ज्यादा है। इन लोगों के टिकट काटने पर भी तेजी से से विचार चल रहा है। सूत्रों ने यह भी बताया कि आगामी तीन चार दिन में प्रत्याशी विधायकों के नामों की भी सूची जारी हो सकती है। 

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