भाजपा को विधायकों के झटके… बिधूना विधायक विनय शाक्य भी हुए लापता
- बेटी रिया ने वीडियो जारी कर लगाया गंभीर आरोप
- चाचा पर लगाया अपहरण कर लखनऊ ले जाने का आरोप
- कहा चाचा उन्हें सपा ज्वाइन कराने ले गये हैं
- औरेया पुलिस ने किया अपहरण से इनकार
- भाजपा ने डैमेज कंट्रोल के लिये डिप्टी चीफ मौर्य को लगाया
- स्वामी के आज सपा ज्वाइन करने की सूचना
यूपी में भाजपा विधायकों के इस्तीफों की बारिश के बीच पार्टी नेतृत्व ने डैमेज कंट्रोल के लिये अपनी पूरी ताकत लगा दी है। डिप्टी चीफ मिनिस्टर केशव प्रसाद मौर्या को इस कार्य में लगाया गया है। अभी छह और इस्तीफा दे चुके कैबिनेट मंत्री व विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य के संपर्क में हैं इस सूचना ने भाजपा की पेशानी पर बल डाल दिये हैं। इस बीच, बेहद ही रोमांचक घटनाक्रम के बीच औरैया जिले की बिधूना सीट से भाजपा विधायक विनय शाक्य भी गायब हो गये हैं। उनकी बेटी ने दावा कर दिया है कि उनका अपहरण कर लिया गया है, जबकि पुलिस ने इससे इनकार किया है। इस बीच, विनय शाक्य का बयान सामने आ गया है जिसमें उन्होंने बेटी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि वह स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ सपा में जा रहे हैं।
डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा के लिये निश्चित रूप से यह परेशानी वाली खबर है। दरअसल, विनय शाक्य की बेटी रिया ने एक वीडियो जारी कर अपने ही चाचा देवेश शाक्य पर गंभीर आरोप लगाया। बकौल रिया विनय शाक्य को जबरदस्ती लखनऊ ले जाया गया है। रिया कहती हैं कि उनके पिता को कुछ साल पहले लकवा मार दिया था जिसके बाद से वह चलने फिरने में असमर्थ हैं। उनके बीमारी का फायदा उठा कर चाचा देवेश शाक्य ने उस वक़्त से ही उनके नाम पर अपनी व्यक्तिगत राजनीति की है और जनता का शोषण किया है। आज उन्होंने हद पार करते हुए जबरन उनके पिताजी को घर से उठाकर सपा में शामिल करने के लिए लखनऊ ले गए हैं। वीडियो में रिया ने यह भी दावा किया है कि वे भाजपाई हैं और पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हैं। रिया ने अपने भी अपहरण होने की आशंका जताई है।
उधर, औरैया के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि विधायक विनय शाक्य बिधूना, शान्ति कालोनी जनपद इटावा में सकुशल अपनी मां के साथ मौजूद हैं। अपहरण का आरोप असत्य एवं निराधार है, प्रकरण पारिवारिक विवाद से सम्बन्धित है।
आपको बता दें कि यूपी में ओबीसी की आबादी 42 से 43 % के बीच है। वर्ष 2017 के चुनाव भाजपा ने 125 ओबीसी उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। स्वामी प्रसाद मौर्य के असर की बानगी 2019 के लोकसभा चुनाव में भी दिखी थी। तब उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य ने सपा की पारंपरिक बदायूं सीट पर मुलायम सिंह यादव के परिवार के सदस्य धर्मेंद्र यादव को हराकर हलचल मचा दी थी। मौर्य की सियासी पकड़ का फायदा भाजपा 2017 के चुनाव में उठा चुकी है। तब स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा के बड़े कद्दावर नेता थे और चुनावी मौसम में मायावती को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे। यही कारण है कि भाजपा नेतृत्व मौर्य को हाथ से नहीं निकलने देना चाहता है। हालांकि आज दोपहर तक स्वामी के लखनऊ पहुंचने व सपा ज्वाइन करने की जानकारी सामने आ रही है।