रेलवे परीक्षा को लेकर छात्रों का हंगामा, पुलिस ने हास्टल के दरवाजे तोड़ पीटा, 6 निलंबित
- छात्रों ने लगाया भविष्य से खिलवाड़ का आरोप
- यूपी व बिहार के कई जिलों में हो रहा विरोध प्रदर्शन
- बिहार में ट्रेन में आग लगाई, कई जगह पटरी पर प्रदर्शन
- कई कोचिंग सेंटर्स संचालकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
भविष्य से खिलवाड़ पाते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस ने जमकर पीटा। हास्टल के दरवाजे तोड़कर छात्रों को बाहर निकाला गया और जमकर पिटाई की गई। रेलवे परीक्षा को लेकर प्रयागराज में हुई इस घटना को लेकर छह पुलिस कर्मी निलंबित कर दिये गये हैं। यूपी व बिहार में हो रहे इस विरोध प्रदर्शन के दौरान बीते दिवस बिहार में दूसरे दिन ट्रेन फूंक दी गई थी। पुलिस ने छात्रों को उकसाने के आरोप में खान सर समेत पटना में कई कोचिंग सेंटर्स के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
जिन छह पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, उसमें एक इंस्पेक्टर, दो सब इंस्पेक्टर और तीन कॉन्स्टेबल शामिल हैं। इन सब पर ग़ैर ज़रूरी ताक़त का इस्तेमाल करने का आरोप है। 24 जनवरी को रेलवे की NTPC परीक्षा के नतीजों को लेकर पटना में छात्रों पर जो लाठीचार्ज हुआ था उसी के विरोध में प्रयागराज के छात्र भी सड़कों पर उतरे थे। प्रयागराज के एसएसपी अजय कुमार ने बताया है कि छात्रों के प्रदर्शन को लेकर कर्नलगंज थाने में एक एफआईआर भी दर्ज हुई है, जिसमें तीन लोग मुख्य आरोपी बनाए गए है। इनमें से दो की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि एक फरार है।
इधर, बिहार में रेलवे की NTPC परीक्षा में कथित धांधली को लेकर जो चिंगारी भड़की थी, वो बुझने का नाम नहीं ले रही। बुधवार को लगातार तीसरे दिन छात्रों ने ट्रेनों को निशाना बनाया। गया में छात्रों ने ट्रेन के कई डिब्बे आग के हवाले कर दिए गए। सिर्फ गया ही नहीं बिहार के दूसरे शहरो में भी रेलवे पर इसी तरह छात्रों का कहर टूटा है। कहीं पटरियां उखाड़ी गईं तो कही सैकड़ों छात्र ट्रैक पर लेट गए। कहीं पुलिस ने लाठियां बरसाईं तो कहीं पुलिस छात्रों को मनाने में लगी। बिहार के जहानाबाद, हाजीपुर, पटना समेत कई शहरों में विरोध की ये आग इसी तरह लगी हुई है।
दरअसल, रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (आरआरबी-एनटीपीसी) परीक्षा 2021 परिणाम के विरोध में छात्रों ने कर बिहार और यूपी में विरोध प्रदर्शन किया, जो अन्य हिस्सों में फैल गया. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि 2019 में जारी आरआरबी अधिसूचना में केवल एक परीक्षा का उल्लेख किया गया था। उन्होंने अधिकारियों पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। परीक्षा परिणाम 15 जनवरी को घोषित होने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा है। उस समय रेल मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि अधिसूचना में दूसरे चरण की परीक्षा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था।सीबीटी के पहले चरण की परीक्षा सभी उम्मीदवारों के लिए एक सामान्य परीक्षा थी।