गलवान भिड़ंत में 38 चीनी सैनिक गलवां नदी में बह गये थे-रिपोर्ट में दावा
गलवान घाटी में चीनी व भारतीय सेना के बीच हुए झड़प के नतीजे के रूप में चीन को भारी कीमत चुकानी पड़ी थी। आस्ट्रेलियाई अखबार द क्लैक्सन में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि गलवान भिड़ंत के दौरान नदी में 38 चीनी सैनिक उसे पार करते हुए बह गये थे। 15 से 16 जून की लड़ाई के शुरूआती दौर में शून्य तापमान में तेजी से बहने वाली गलवां नदी में ये चीनी सैनिक तैरने का प्रयास कर रहे थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तथ्यों को प्रभावित करने के लिए गलवां में हुई दो अलग-अलग झड़पों के तथ्यों और तस्वीरों को आपस में जोड़ दिया गया। चीन ने गलवां संघर्ष में मारे गए सैनिकों का खुलासा नहीं किया लेकिन उसने युद्ध में मारे गए अपने सैनिकों के लिए मरणोपरांत पदक की घोषणा की थी। इस जांच के लिए द क्लैक्सन ने स्वतंत्र रूप से सोशल मीडिया शोधकर्ताओं की एक टीम गठित की थी। शोधकर्ताओं ने पाया कि चीन ने मरने वाले सैनिकों की संख्या चार बतायी है जबकि हकीकत कुछ और ही है। इस रिपोर्ट में मरने वालों की संख्या 38 बताई गई है।
चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो के कई यूजर्स के हवाले से शोधकर्ताओं की रिपोर्ट दावा करती है कि उस रात को कम से कम 38 पीएलए सैनिक नदी के तेज बहाव में बह गए थे। इनमें एक वांग नाम के सैनिक भी शामिल थे और सिर्फ वांग के मरने की आधिकारिक घोषणा ही चीन ने की थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 15 जून की लड़ाई एक अस्थायी पुल निर्माण को लेकर शुरू हुई थी। भारतीय सैनिकों ने मई 2022 में गलवां नदी की एक धारा पर पुल का निर्माण किया था। दूसरी ओर, पीएलए, अप्रैल से पारस्परिक रूप से तय बफर जोन में बुनियादी ढांचा तैयार कर रहा था। छह जून को 80 पीएलए सैनिक भारतीय पक्ष की ओर से बनाए गए पुल को तोड़ने आए। इसकी रक्षा के लिए 100 भारतीय सैनिक आगे आए थे।