डीजल के दाम में 25 रूपये प्रति लीटर का इजाफा,इन पर पड़ेगा असर
- पेट्रोल पंपों की बिक्री में आया 20 फीसदी का उछाल
- 136 दिनों से ईंधन की कीमतों में नहीं हुआ इजाफा
- यह इजाफा फिलहाल थोक उपभोक्ताओं पर लागू
- पंपों से लेने वाले अभी इस इजाफे से मुक्त
रूस यूक्रेन विवाद के कारण कच्चे तेल के दाम में आये उबाल का असर अब भारतीय बाजार पर भी पड़ना शुरू हो गया है। डीजल की कीमत में पच्चीस रूपये का इजाफा कर दिया गया है। हालांकि यह इजाफा थोक उपभोक्ताओं पर लागू किया गया है। यानी थोक ग्राहकों को बिक्री वाला डीजल पच्चीस रूपये प्रति लीटर मंहगा किया गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में चालीस फीसदी के उछाल के बाद यह कदम उठाया गया है। पेट्रोल पंपों के जरिये बेचे जाने वाले डीजल की खुदरा कीमत में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए सवाल उठ रहा है कि आखिर कब तक ?
दिलचस्प तथ्य यह भी देखने में आया है कि इस माह पेट्रोल पंपों की बिक्री में 20 फीसदी का उछाल आ गया है। यानी बस बेड़े के परिचालकों और मॉल जैसे थोक उपभोक्ताओं ने पेट्रोल पंपों से ईंधन खरीदा है। आमतौर पर वे पेट्रोलियम कंपनियों से सीधे ईंधन की खरीद करते हैं। इससे ईंधन की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों का नुकसान बढ़ा है। सबसे अधिक प्रभावित नायरा एनर्जी, जियो-बीपी और शेल जैसी कंपनियां हुई हैं। बिक्री बढ़ने के बावजूद इन कंपनियों ने अभी तक मात्रा में कमी नहीं की है, लेकिन अब पंपों के लिए परिचालन आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं रह जाएगा।
जानकारों का कहना है कि रिकॉर्ड 136 दिन से ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई है, जिसकी वजह से कंपनियों के लिए इन दरों पर अधिक ईंधन बेचने के बजाय पेट्रोल पंपों को बंद करना अधिक व्यावहारिक विकल्प होगा। साल 2008 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बिक्री घटकर ‘शून्य’ पर आने के बाद अपने सभी 1,432 पेट्रोल पंप बंद कर दिए थे। कुछ यही स्थिति आज भी बन रही है। थोक उपभोक्ता पेट्रोल पंपों से खरीदारी कर रहे हैं। इससे इन रिटेलरों का घाटा बढ़ रहा है। मुंबई में थोक उपभोक्ताओं के लिए डीजल का दाम बढ़कर 122.05 रुपये प्रति लीटर हो गया है जबकि पेट्रोल पंपों पर डीजल 94.14 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा है। इसी तरह दिल्ली में पेट्रोल पपों पर डीजल 86.67 रुपये प्रति लीटर है जबकि थोक या औद्योगिक ग्राहकों के लिए इसकी कीमत 115 रुपये प्रति लीटर है।