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सोनभद्र के डीएम व गाजियाबाद के पुलिस कप्तान निलंबित

Mar 31, 2022
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  • दूसरी पारी में सख्त एक्शन में आये योगी आदित्यनाथ
  • वाराणसी मंडल कमिश्नर करेंगे जांच 
  • तैयार की जा रही है भ्रष्ट अफसरों की लिस्
  • अवैध खनन व निर्माण में भ्रष्टाचार की हैं शिकायतें

सरकार में धमाकेदार वापसी के बाद योगी आदित्यनाथ एक्शन में आ गये हैं। योगी आदित्यनाथ ने पहला बड़ा एक्शन भ्रष्टाचार पर करने का फैसला किया है। भ्रष्टाचार की शिकायते पाते हुए योगी ने सोनभद्र जिलाधिकारी टीके शिबू और गाज़ियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को निलंबित कर दिया गया है। डीएम सोनभद्र पर अवैध खनन व निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के अलावा भी तमाम गंभीर आरोप चस्पा हैं। वहीं,  2009 बैच के आइपीएस अधिकारी पवन कुमार पर ड्यूटी में लापरवाही और अपराध को नियंत्रित करने में विफलता के आरोप हैं।

उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से कहा गया है कि सोनभद्र जिलाधिकारी टीके शिबू के विरुद्ध जनपद में खनन और अन्य निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही थीं। इसके अलावा यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान भी जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में उन्होंने लापरवाही बरती थी। पोस्टल बैलेट पेपर सील नहीं किये गये। सार्वजनिक स्थल पर उसकी तस्वीरें नेशनल मीडिया में वायरल हो गई थीं। इस कारण पूरे जिले का मतदान निरस्त करने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इस मामले को विंध्याचल मंडल मीरजापुर क्षरा जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर दोबारा सील किया गया था। जनसामान्य तथा जनप्रतिनिधियों से भी इनकी दूरी की भी शिकायत मिल रही थी। इन आरोपों की जांच के लिए वाराणसी मंडल के कमिश्नर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जांच पूरी होने तक शिबू राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ से सम्बद्ध रहेंगे। इस दौरान वह बिना किसी लिखित अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ सकते हैं।

गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार के खिलाफ जनता से जुड़े मुद्दों पर लापरवाही बरतने की लगातार शिकायतें मिल रही थी। जिसकी जांच में पवन कुमार को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया था। इसके बाद उन्हें निलंबित किया गया है। पवन कुमार की पहली पोस्टिंग ट्रेनिंग के दौरान एसपी सिटी आगरा के पद पर तैनात रहे थे। इसके बाद वह शामली, चित्रकूट, जौनपुर, उन्नाव, सीतापुर, सुल्तानपुर एसपी के पद पर तैनात रह चुके हैं।

यह भी जानकारी में आया है कि सीएम योगी के निर्देशानुसार ऐसे अफसरों की लिस्ट बनाई जा रही है, जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। इसके लिए विजिलेंस और सीबीसीआईडी के साथ स्क्रीनिंग कमेटी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। एसआईटी को भी जांच के लिए लगाया गया है। प्रदेश सरकार में करीब पांच सौ अधिकारी और कर्मचारी ऐसे हैं, जिनके ऊपर भ्रष्टाचार को लेकर नकेल कसे जाने के संकेत मिल रहे हैं।

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