मंहगाई यदि बाजार ही तय करेगा तो मंत्रालय किसलिये बनाये गये -अखिलेश यादव
- पेट्रोल डीजल के दामों में अब तक दस रूपये का इजाफा
- पेट्रोल डीजल के रेट बढ़ने से बाकी वस्तुओं के दाम पहुंचे आममान पर
- पिछले 15 दिन में दस रूपये तक का हो चुका है इजाफा
- सीएनजी व गैस सिलेंडर भी हो चुका है महंगा
ईंधन के लगातार बढ़ते दाम व उससे चारों तरफ बढ़ रही महंगाई को लेकर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया है। अखिलेश ने सीधे कहा है कि यदि अगर सब कुछ बाजार के हवाले है तो फिर फिर पेट्रोल, डीज़ल, गैस का मंत्रालय किसलिए बनाया गया है।
इसे लेकर किये गये ट्टीट में अखिलेश यादव ने कहा है कि ईंधन के बेतहाशा बढ़ते दामों पर जब न कोई सरकारी नियंत्रण, न शासन, न प्रशासन, न प्रबंधन, न ही नियमन है और अगर सब कुछ बाज़ार के हवाले ही है तो फिर पेट्रोल, डीज़ल, गैस का मंत्रालय किसलिए बनाये गये हैं। इस मंत्रालय को तत्काल भंग कर देना चाहिए। भाजपाई-महंगाई जनता को निरंतर ईंधन से निर्धन कर रही है।
दरअसल, सरकार ने एक अप्रैल से प्राकृतिक गैस की कीमतों को दोगुना से अधिक कर 6.1 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (प्रति इकाई) कर दिया है। इसके बाद सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में वृद्धि हुई है। सीएनजी की कीमतों में यह वृद्धि पिछले 16 दिन में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी और रसोई गैस एलपीजी की दरों में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि के बाद हुई है।