मातोश्री पर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान करने वाली सांसद नवनीत विधायक पति रवि संग गिरफ्तार
- निर्दलीय सांसद नवनीत राणा व रवि ने किया था चालीसा पढ़ने का ऐलान
- आज सुबह नौ बजे से पढ़ा जाना था हनुमान चालीसा
- शिवसैनिकों ने राणा दंपत्ति का घर घेरा, पुलिस का भी नोटिस
- शिवसैनिक व दंपत्ति दोनों ही अपनी जिद पर अड़े
- पहले हिरासत में लेकर बाद में दंपत्ति को गिरफ्तार किया
- हिरासत से पूर्व नवनीत ने मांगी भाजपा से मदद
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा पढ़ने का एलान करने वाली निर्दलीय सांसद नवनीत राणा व उनके विधायक पति रवि राणा को अंतत पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अब दोनों को कल बांद्रा कोर्ट में पेश किया जायेगा। गिरफ्तारी से पूर्व दोनों को खार पुलिस स्टेशन लाया गया था। इस दंपत्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यह धारा उस वक्त लगायी जाती है जब कोई शख्स अवैध बातें कर किसी व्यक्ति को द्वेषभाव या बेहूदगी से निशाना बनाता है और उसके ऐसे भाषण या बयान से उपद्रव हो सकता है। रविवार को पीएम मोदी मुंबई दौरे पर हैं। आगमन से एक दिन पूर्व हुए इस सियासी ड्रामे का क्या असर होता है यह देखने वाली बात है। हिरासत में लिये जाने से पूर्व नवनीत राणा ने महाराष्ट्र सरकार पर गुंदागर्दी करने का आरोप लगाते हुए भाजपा से मदद मांगी थी। अब देखना है कि भाजपा नवनीत के पक्ष में खड़ी होती है और कितना।
महाराष्ट्र में मस्जिदों में बजने वाले लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा को लेकर विवाद काफी बढ़ गया है। अमरावती से सांसद नवनीत राणा व उनके पति रवि राणा ने मातोश्री के सामने आज सुबह नौ बजे से हनुमान चालीसा पढ़ने की घोषणा की थी। इसे देखते हुए शिव सैनिकों ने नवनीत राणा के आवास के बाहर डेरा डाल दिया था। इसके अलावा पुलिस ने भी नोटिस जारी कर नवनीत राणा व उनके पति को बाहर न जाने के लिये कहा था। विवाद बढ़ा तो पुलिस नवनीत राणा व रवि को हिरासत में ले लिया। इससे पूर्व दंपत्ति ने पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस से मदद मांगी थी। दोनों पर धार्मिक भावनाओ को भड़काने का आरोप है।
जहां तक बात आईपीसी की धारा 153 का सवाल है तो इस मामले में दोषी व्यक्ति को किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा हो सकती है, जिसे एक साल तक बढ़ाया भी जा सकता है। उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है, या फिर सजा के तौर पर दोनों ही लागू हो सकते हैं। लेकिन अगर उपरोक्त आपत्तिजनक भाषण या बयान से उपद्रव नहीं होता तो भी दोषी को किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा हो सकती है और उस सजा को 6 माह तक बढ़ाया जा सकता है, या जुर्माना और कैद दोनों हो सकते हैं।