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राजद्रोह के मामलों में सरकारों को झटका, कानून पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

May 11, 2022
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  • राजद्रोह के अभी तक खूब दर्ज किये जा रहे हैं मुकदमे
  • सरकारे करती हैं विरोधियों पर राजद्रोह के मुकदमे
  • सुप्रीम कोर्ट ने समीक्षा होने तक मुकदमा दर्ज करने पर भी लगाई रोक
  • न ही मुकदमा दर्ज होगा और न ही राजद्रोह की जांच

सुप्रीम कोर्ट ने आज बेहद महत्वपूर्ण फैसला देते हुए राजद्रोह कानून (Sedition Law on Hold) पर रोक लगा दी है। साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों को राजद्रोह कानून की आईपीसी की धारा 124ए के तहत कोई मामला दर्ज न करने के लिये भी आदेशित किया है। सरकार को आईपीसी की धारा 124ए के प्रावधानों पर समीक्षा की अनुमति भी दी है। हालांकि, अदालत ने कहा राजद्रोह कानून की समीक्षा होने तक सरकारें धारा 124A में कोई केस दर्ज न करें और न ही इसमें कोई जांच करें।

बुधवार को सुनवाई के दौरान सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में केंद्र सरकार की ओर से पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि गंभीर अपराधों को दर्ज होने से नहीं रोका जा सकता है। प्रभाव को रोकना सही दृष्टिकोण नहीं हो सकता है इसलिए, जांच के लिए एक जिम्मेदार अधिकारी होना चाहिए और उसकी संतुष्टि न्यायिक समीक्षा के अधीन है। राजद्रोह के मामले दर्ज करने के लिए एसपी रैंक के अधिकारी को जिम्मेदार बनाया जा सकता है।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कि अगर राजद्रोह के मामले दर्ज किए जाते हैं, तो वे पक्ष राहत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र हैं। अदालतों को ऐसे मामलों का तेजी से निपटारा करना होगा। कोर्ट ने कहा कि आरोपी को राहत मिलना जारी रहेगा। राजद्रोह कानून के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर अगली सुनवाई जुलाई में होगी।

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