रालोद सपा गठबंधन को देखते हुए भूपेंद्र सिंह चौधरी को भाजपा ने बनाया प्रदेश अध्यक्ष
काफी विचार विमर्श व गहन मंथन के बाद आखिरकार भाजपा ने अपने उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी। जातीय व क्षेत्रीय समीकरण को देखते हुए भूपेंद्र सिंह चौधरी को पार्टी ने नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। भूपेंद्र सिंह चौधरी मौजूदा सरकार में पंचायती राज मंत्री हैं और पहले ऐसे जाट नेता हैं जिनकी प्रदेश अध्यक्ष पद पर ताजपोशी की गई है। भूपेंद्र चौधरी का कल एकाएक ही दिल्ली बुलाया गया था। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद से ही राजनीतिक गलियारे में उनके नाम को लेकर चर्चा शुरू हो गयी थी।
स्वतंत्र देव सिंह का बतौर प्रदेश अध्यक्ष पद पर कार्यकाल पूरा होने के बाद से ही यह कयास लगने शुरू हो गये थे कि पार्टी अब इस पद पर किसी ब्राह्मण को बैठायेगी अथवा पिछड़े वर्ग से किसी को। हाल ही में डिप्टी चीफ मिनिस्टर केशव प्रसाद मौर्य के इस ट्वीट के बाद कि संगठन सरकार से बड़ा है..ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी थी। कयास लगने शुरू हो गये थे कि संभवत पार्टी एक बार फिर से केशव प्रसाद मौर्य पर प्रदेश अध्यक्ष पद का दांव लगाने जा रही है। इससे पहले राज्यसभा सांसद डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी के नाम को लेकर भी गहन चिंतन चल रहा था। इनके अलावा ब्राह्मण व पिछड़े वर्ग से कई अन्य लोगों के नाम पर भी चर्चा शुरू हो गयी थी।
जहां तक भूपेंद्र सिंह चौधरी का सवाल है तो 54 वर्षीय भूपेंद्र चौधरी 2016 में पहली बार विधान परिषद सदस्य चुने गए थे। 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर उन्हें पंचायती राज विभाग का राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया था। 2019 में मंत्रिमंडल फेरबदल में चौधरी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 में चौधरी को पुनः कैबिनेट मंत्री बनाते हुए पंचायती राज विभाग की जिम्मेदारी दी गई। चौधरी हाल ही में पुनः विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुए हैं।
माना जा रहा है कि चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने से लोकसभा चुनाव में सपा और रालोद गठबंधन से संभावित नुकसान को कम किया जा सकेगा। वहीं, लगातार दूसरी बार पिछड़े वर्ग के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से पश्चिम से पूर्वांचल तक ओबीसी वोट बैंक में अच्छा संदेश जाएगा। भूपेंद्र चौधरी तीन बार भाजपा के पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने संभल लोकभवन सीट से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के सामने लोकसभा चुनाव भी लड़ा है। वह मुरादाबाद के महेंद्र गांव के रहने वाले हैं। भाजपा के नियमों के तहत अब भूपेंद्र सिंह चौधरी को अपना मंत्री पद छोड़ना पड़ेगा।
स्वतंत्र देव के पहले, केशव प्रसाद मौर्य, लक्ष्मीपति त्रिपाठी, सूर्य प्रताप शाही, डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, केशरी नाथ त्रिपाठी, विनय कटियार और कलराज मिश्र अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं। मिश्र को दो बार अध्यक्ष बनाया गया है। मिश्र के पहले राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह भी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं।
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