मेरठ में फिर शुरू हुई सरकारी चावल माफियाओं की कालाबाजारी
मेरठ में सरकारी चावल माफियाओं की कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रही। चावल माफियाओं ने अब अपने ठेला चालकों को सरकारी गल्ले की दुकानों पर ही चावल खरीदने के लिए छोड़ दिया। जहां पर सीना ठोक कर कालाबाजारी के चावल खरीद रहे हैं।
जानकारी के अनुसार आपको बता दें मेरठ में जैसे ही सरकारी गला बैठना शुरू होता है। वैसे ही चावल माफियाओं का गिरोह सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर पहुंच जाते हैं। और वहां पर मिलने वाले सस्ते गल्ले के चावल सीना ठोक कर खरीद रहे हैं। बाकायदा कांटा लेकर उन पर चलते हैं और ₹15 प्रति किलो चावलों की खरीदारी करते हैं। जबकि कई बार राशन डीलरों ने भी इस चीज की शिकायत स्थानीय पुलिस को की है। पुलिस ने उनकी सूचना पर कार्रवाई भी की लेकिन कुछ समय बाद ही इन गिरोह के सदस्यों को छोड़ दिया जाता है। ऐसा ही मामला आज थाना नौचंदी क्षेत्र के दवाई नगर गली नंबर 14 से सामने आया है। जहां कमरुद्दीन नाम से सस्ते गल्ले की दुकान है। यहां पर आज तीन युवक ठेला लेकर खड़े होकर खुलेआम सरकारी गल्ले से मिलने वाले चावलों को ₹15 प्रति किलो के भाव से खरीद रहे थे। जहां पर मीडिया कर्मी का जब इन पर कैमरा चला तो यह हड़बड़ा गए और उल्टे सीधे वहां से भागने लगे।
मीडिया कर्मी ने जब इनसे पूछा कि तुम किसके लिए यह चावल खरीद रहे हो। तो खरीदार युवक ने बताया कि मैं गुलिस्ता नाम की एक महिला है। जो जाकिर कॉलोनी निवासी है। उसी ने हमें चावल खरीदने के लिए रखा हुआ है। अब आप ही बता सकते हैं कि अगर जो सरकारी गरीबों को राशन मुफ्त मुहैया करा रही है। तो यह चावल माफिया उसका फायदा उठा रहे हैं। सूत्रों से पता चला है कल ही चावल माफियाओं के गिरोह के सदस्य चावल खरीद रहे थे। और पुलिस को सूचना दी थी पुलिस मौके पर पहुंची थी। जिसमें से कुछ युवकों को हिरासत में लिया था। और इनके चावल सोने की कांटे भी हिरासत में लिए उसके बाद क्या हुआ कुछ पता नहीं वह आरोपी छोड़ दिए गए या उनके साथ कोई कार्रवाई हुई है। अब आप ही बताएं इनके खिलाफ क्या कार्रवाई होनी चाहिए जो गरीबों का राशन सस्ते भाव पर लालच देकर खरीदा जा रहा है।क्या इस बात की खबर डीएसओ साहब का नहीं है। आखिरी इन लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं।