जोशीमठ में क्षतिग्रस्त मकान-इमारत तोड़ने का काम आज से शुरू,4,000 लोग किए गए शिफ्ट
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जोशीमठ में क्षतिग्रस्त मकान-इमारत तोड़ने का काम आज से शुरू,4,000 लोग किए गए शिफ्ट

Jan 10, 2023
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धंसते जोशीमठ से कस्बे के कई घर और प्रमुख इमारतों में बड़ी दरारें आ चुकी है। ऐसे में घर और इमारतें लोगों के लिए असुरक्षित हैं। इनको आज तोड़े जाने की यही बड़ी वजह है। दरअसल , उत्तराखंड का मशहूर कस्बा जोशीमठ धंसता जा रहा है, जिसके चलते यहां के ज्यादातर घर और इमारतों में दरारें आ चुकी हैं। ऐसे में अब इन इमारतों और घरों को तोड़ने का फैसला लिया गया है।

ताजा जानकारी के अनुसार अधिकारियों ने बताया है कि उत्तराखंड के धंसते जोशीमठ में जिन इमारतों में दरारें आ चुकी हैं और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं, उन्हें आज से ध्वस्त करने की कार्रवाई जारी कर दी गई है। बताते चलें जोशीमठ को तीन जोन में बांटा गया है। जिनमे ‘डेंजर’, ‘बफर’ और ‘कंप्लीटली सेफ’ है। अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक जोशीमठ में 600 से ज़्यादा इमारतें दरारों से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। इनमे जो सबसे ज़्यादा क्षतिग्रस्त हैं उन्हें ध्वस्त किया जाएगा। फिलहाल जोशीमठ और आसपास के सभी क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि 4,000 लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि ऐसा लगता है कि जोशीमठ का 30 फीसदी हिस्सा प्रभावित है। एक विशेषज्ञ समिति द्वारा रिपोर्ट तैयार की जा रही है और जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपा जाएगा।

होटलों को गिराने के लिए रुड़की से एक्सपर्ट की एक बड़ी टीम बुलाई गई है। ये वो होटल हैं जिनके गिरने से पहले ही कई मोहल्लों को ख़तरा था। लिहाज़ा एहतियातन सरकार ने इन्हे गिराने का फ़ैसला किया है।डेमोलिशन प्रक्रिया भी आज ही पूरी की जाएगी। जिसके लिए एसडीआरएफ़ और पुलिस टीम मौके पर पहुंच चुकी है। इसी के साथ रोड को आने जाने के लिये बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आस पास के क्षेत्र से गाड़ियों को हटवाया जा रहा है। एक्सपर्ट्स की टीम अभी नहीं पहुंची है।

एसडीआरएफ से मिली जानकारी के मुताबिक फ़्लोर वाइज़ होटल को गिराया जाएगा। जिसका पूरा मलबा एक साथ नहीं गिराया जाएगा। सूत्रों के हवाले मिली खबर में ये पूरा काम जोशीमठ पुलिस, एसडीआरएफ, सेन्ट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की की टीम, एनडीआरएफ की स्टैंडबाय टीम, पीडब्ल्यूडी की टीम की देखरेख में पूरा किया जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सभी से एक टीम के रूप में काम करने और शहर को बचाने की अपील की है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्य सरकार को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है।

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