- लखनऊ पांच मंजिला बिल्डिंग भरभरा कर गिरी
- वजीर हसन रोड पर है अलाया अपार्टमेंट
- नवाजिश मंजूर व तारीक का है यह अपार्टमेंट
- विधायक शाहिद मंजूर का बेटा है नवाजिश
- समाजवादी पार्टी के विधायक हैं शाहिद मंजूर
- देर रात हिरासत में लेकर नवाजिश को लखनऊ भेजा
- बिना अनुमति शहर न छोड़ने का नोटिस चस्पा
- बावजूद इसके शाहिद ने शहर छोड़ा
- शाहिद मंजूर के कुनबे की बढ़ी मुश्किल
- सपा प्रवक्ता की मां व पत्नी की मौत
लखनऊ के अलाया अपार्टमेंट की बिल्डिंग गिरने व दो लोगों की अभी तक हुई मौत के मामले ने समाजवादी पार्टी के विधायक शाहिद मंजूर की परेशानी बढ़ा दी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे की जांच के आदेश दे दिये हैं। जांच के लिये मंडलायुक्त रोशन जैकब, संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था और चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी की संयुक्त टीम बना दी गई है। यह टीम एक सप्ताह में योगी आदित्यनाथ को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस क्रम में आरोपितों में शामिल मोहम्मद तारिक, सपा विधायक शाहिद मंजूर का बेटा नवाजिश शाहिद और फाहद याजदानी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है। तीनों के खिलाफ आइपीसी की 323, 308, 420, 120B धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। नवाजिश को बीती रात ही मेरठ में हिरासत में लेकर लखनऊ भेज दिया गया था। अब उसकी गिरफ्तारी घोषित कर दी गई है।
दरअसल, लखनऊ स्थित अलाया अपार्टमेंट की बिल्डिंग बीते दिवस ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। इस हादसे में चौदह परिवार मलबे में दब गये। बड़ी संख्या में लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया है। बावजूद इसके इस हादसे में एक महिला की मौत हो गयी है। यह अपार्टमेंट नवाजिश मंजूर व उसके चचेरे भाई तारीक का है। बीती रात नवाजिश को लखनऊ से मिले निर्देश के बाद मेरठ पुलिस ने हिरासत में लेकर लखनऊ भेज दिया। नवाजिश मंजूर समाजवादी पार्टी में मंत्री रहे शाहिद मंजूर का बेटा है। जिस वक्त पुलिस ने जलीकोठी स्थित घर पर दबिश दी, शाहिद मंजूर घर पर नहीं थे। उन्होंने एसएसपी से फोन पर बात कर सहयोग देने की बात कही जबकि नवाजिश को हिरासत में लिये जाने की सूचना पाकर बड़ी संख्या में उनके समर्थक वहां पहुंच गये थे। परेशानी बढ़ाने वाले इस घटनाक्रम के दरमियान शाहिद मंजूर ने मेरठ छोड़ दिया है जबकि उन्हें सख्त हिदायत दी गई थी कि वह शहर छोड़कर कही नहीं जायेंगे। बताया गया है कि वह लखनऊ के लिये रवाना हुए हैं। नवाजिश मंजूर ने मेरठ में भी बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण को अंजाम दिया है। ये सभी निर्माण मेरठ विकास प्राधिकरण के नौकरशाहों के संरक्षण में किये गये हैं। इनमें से एक बेगमपुल पर बने निर्माण को तोड़ा भी गया था।
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