एक थप्पड़ पर हत्या करने वाला मोस्ट वांटेड विनोद उपाध्याय ढेर
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एक थप्पड़ पर हत्या करने वाला मोस्ट वांटेड विनोद उपाध्याय ढेर

Jan 5, 2024
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  • यूपी के टॅाप 61 माफियाओं की सूची में था शामिल
  • एक लाख रुपये का इनामी था विनोद
  • पिछले सात माह से एसटीएफ के रडार पर था
  • बसपा से विधायकी का चुनाव लड़ चुका था विनोद

एक थप्पड़ के बदले मर्डर कर अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले विनोद उपाध्याय को एसटीएफ ने शुक्रवार की तड़के मुठभेड़ में मार गिराया। गोरखपुर के इस मोस्ट वांटेड विनोद उपाध्याय को जवाबी फायरिंग में गोली लगी थी। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गयी। विनोद पर एक लाख रूपये का इनाम घोषित था और पिछले सात माह से पुलिस व एसटीएफ उसकी तलाश में थी।

2007 में विनोद उपाध्याय ने गोरखपुर से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वह हार गया था। यूपी STF मुखिया अमिताभ यश ने बताया कि गुरुवार तड़के साढ़े तीन बजे डिप्टी एसपी दीपक सिंह की टीम के साथ सुल्तानपुर में एनकाउंटर हुआ। देहात कोतवाली इलाके में हुई इस मुठभेड़ में विनोद उपाध्याय गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी मौत हो गई।

दरअसल, योगी सरकार ने पिछले दिनों 61 मोस्ट वांटेड माफियाओं की एक सूची जारी की थी। इनमें शामिल टॅाप -10 में विनोद उपाध्याय का नाम भी था। उसका मुख्य काम रंगदारी व ठेकेदारी रहा है। पिछले साल 24 मई को गोरखपुर में वकील प्रदीप श्रीवास्तव ने विनोद और उसके भाई संजय के खिलाफ रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज कराया था। वह तभी से फरार चल रहा था। विनोद के खिलाफ 41 साल की उम्र में 39 मुकदमे दर्ज थे लेकिन उसे एक में सजा नहीं हुई थी। मूलरूप से अयोध्या जिले के मया बाजार स्थित उपाध्याय का पुरवा निवासी विनोद पर सितंबर 2023 में यूपी पुलिस ने एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। पहले उस पर 50 हजार का इनाम था। सात माह से एसटीएफ, क्राइम ब्रांच और गोरखपुर जिले की पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
विनोद के बारे में एक उल्लेखनीय तथ्य यह भी है कि वह एक थप्पड़ के बदले के लिए मर्डर करने को लेकर चर्चा में आया था। दरअसल, 2004 में गोरखपुर जेल में बंद नेपाल भैरहवा के अपराधी जीतनारायण मिश्र ने विनोद को किसी बात पर थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद उसने जीतनारायण को जमानत मिलते ही 7 अगस्त, 2005 को संतकबीरनगर बखीरा के पास हत्या कर दी थी। इसमें जीतनारायण के बहनोई गोरेलाल की भी जान गई थी।

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