डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी को मिली बड़ी जिम्मेदारी, बनाए गए ज्वाइंनिग कमेटी के अध्यक्ष
- लंबे अर्से से हाशिये पर चले आ रहे थे डा. वाजपेयी
- प्रदेश अध्यक्ष के रूप में निभाई है महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
- पार्टी में लगातार उपेक्षा के उठते रहे हैं सवाल
- इस उपेक्षा का बड़ा कारण एक पदाधिकारी से टकराव बताया गया
- डा. दिनेश व केशव प्रसाद बनाये गये सदस्य
मेरठ। लंबे अर्से से पार्टी में अलग थलग पड़े भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पार्टी में आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग के लिये ज्वाइनिंग कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी पार्टी में शामिल होने वालों की जांच पड़ताल करेगी। इस कमेटी का अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी को बनाया गया है। यानी अब दूसरे दलों से आने वाले नेताओं को भाजपा में शामिल कराने की सारी जिम्मेदारी डा. वाजपेयी की होगी। इस कमेटी में प्रदेश के डिप्टी चीफ मिनिस्टर डा. दिनेश शर्मा व केशव प्रसाद मौर्य को बतौर सदस्य रखा गया है। पूर्व भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष दयाशंकर सिंह को भी कमेटी का सदस्य बनाया गया है।
राजनीतिक ऊंट कब किस वक्त किस तरह करवट बदल दे कहना मुश्किल है। मेरठ शहर विधानसभा सीट से लगातार जीत दर्ज कराने वाले डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी बनाये गये। उनके करिश्माई व्यक्तित्व ने भाजपा को सत्ता में पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान भी दिया लेकिन संगठन ने कुछ वक्त बाद ही उन्हें हाशिये पर लाकर खड़ा कर दिया। इस कारण वह पिछले लंबे समय से वनवास झेल रहे थे। विभिन्न मंचों पर भाजपा में उनकी इस उपेक्षा के सवाल उठते रहे हैं। इस बीच, इसी साल जनवरी में उन्हें प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल किया गया। उन्हे कई बार दूसरे राज्यों में राज्यपाल बनाने की भी बाते उठती रही हैं लेकिन हर बार यह अफवाह ही साबित हुई हैं।
बता दें कि डा लक्ष्मीकांत वाजपेयी 2012 से 2016 तक पार्टी के प्रदेष अध्यक्ष रहे हैं। मूल रूप से उन्नाव जिले के रहने वाले डा वाजपेयी मेरठ के रहने वाले हैं। राजनीति में उन्हें वाकपटुता और कड़क मिजाज के लिए जाना जाता है।