राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के कई शहरों में वायु प्रदूषण से हाल बेहाल, गाजियाबाद का सबसे बुरा हाल
- वायु प्रदूषण से फिर बढ़ सकता है ‘कोरोना’
- गाजियाबाद का सबसे बुरा हाल
- दिल्ली से सटे गाजियाबाद और नोएडा, ग्रेटर नोएडा में स्कूल खुले हुए हैं
वायु प्रदूषण को लेकर देश की राजधानी भले ही सुर्खियों में है, पर उत्तर प्रदेश के शहरों के हालात भी ठीक नहीं हैं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक लगभग सभी प्रमुख शहरों की हवा स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो चुकी है. ठंड के तेवर जैसे-जैसे बढ़ रहे हैं, हवा भी वैसे-वैसे खराब होती जा रही है. वहीं दूसरी ओर कोरोना संक्रमण के मामलों में पिछले एक महीने से उतार-चढ़ाव जारी है. इसी बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण कोरोना के खतरे को लेकर विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है । प्रदेश के कई शहरों में कुछ राहत के साथ ही कई शहरों की स्थिति गंभीर है. दिवाली के बाद से ही छाई धुंध से लोगों को सांस लेने में दिक्कत, खांसी और दम घुट रहा है. गाजियाबाद, नोएडा, लखनऊ, कानपुर, मेरठ के साथ ही प्रदेश के कई बड़े शहरों में ठंड और धुंध दोनों का प्रकोप जारी है । हाल ही में स्पेन में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने के कारण कोरोना संक्रमण के बढ़ने के साथ पहले से संक्रमित लोगों में इसके गंभीर रूप लेने का जोखिम बढ़ गया है. ‘जर्नल इनवायरमेंटल हेल्थ’ में प्रकाशित अध्ययन में वैज्ञानिकों ने संक्रामक रोगों पर पर्यावरणीय कारकों के प्रभाव के बारे में बताया है. शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना के इस दौर में वायु-प्रदूषण का बढ़ना गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है. वहीं यदि समय रहते वायु प्रदूषण को कम करने के उपाय कर लिए जाएं तो कोरोना के साथ-साथ अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को भी कम किया जा सकता है । बता दें कि स्वास्थ्य के लिए खराब हो चुकी हवा से लोगों को बचाने के लिए दिल्ली में स्कूल बंद कर दिए गए हैं. इसके साथ ही मेट्रो और सरकारी बसों में खड़े होकर यात्रा करने की छूट मिल गयी है ताकि लोग अपनी गाड़ियां कम लेकर रोड पर निकलें और हवा की गुणवत्ता ठीक हो सके. लेकिन दिल्ली से सटे गाजियाबाद और नोएडा, ग्रेटर नोएडा में स्कूल खुले हुए हैं, जबकि वायू प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रदूषण शहरों में दिल्ली के बाद गाजियाबाद ही शुमार है ।।