अजय मिश्रा पर्दे से गायब, रणनीति का हिस्सा या एक्शन की तैयारी
- बेटे द्वारा किसानों को रौंदने पर आये थे सुर्खियों में
- चार किसान व चार कार्यकर्ताओं की हो गई थी मौत
- एसआईटी जांच में बतायी गयी सोची समझी साजिश
- तेरह लोग गिरफ्तार हो चुके हैं इस मामले में
- विपक्ष लगातार हमलावर, सदन भी प्रभावित
- अजय की गिरफ्तारी व इस्तीफे की मांग पर अड़ा है विपक्ष
चुनावी माहौल है, रैलियों का दौर है लेकिन गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी नदारद हैं। मीडिया से अभद्रता किये जाने के बाद वह उस राजनीतिक पटल से सिरे से गायब हैं जहां वह नजर आते थे। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा भाजपा सांसदों से की गई मुलाकात के दौरान भी वह नजर नहीं आये तो सवाल उठना स्वाभाविक था। इस बैठक में पार्टी के 36 सांसदों के अलावा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा व संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद थे। कयास लगाये जा रहे हैं कि क्या अजय मिश्रा के खिलाफ पार्टी कोई कदम उठाने जा रही है या फिर उनकी मौजूदगी से होने वाले नुकसान को टालने के लिये फिलहाल उन्हें पर्दे के सामने आने से मना किया गया है।
गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा यूं तो हमेशा चर्चा में रहते हैं लेकिन वह सुर्खी तब बने जब लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को थार जीप से कुचल दिया गया। इस घटना में चार किसानों की मौत हो गयी थी जबकि प्रतिक्रियास्वरूप हुए एक्शन में चार भाजपा कार्यकर्ता भी मारे गये थे। इस घटना में अजय मिश्रा के बेटे समेत करीब 13 लोगों को आरोपी बनाया गया था। एसआईटी जांच में पाया गया कि यह घटना महज एक हादसा नहीं थी, बल्कि सोची समझी साजिश का हिस्सा थी। इसके बाद ही अजय मिश्रा के बेटे समेत सभी पर हत्या की धारा भी तरमीम कर दी गई।
इससे जुड़े सवाल पर ही पिछले दिनों संयम खोते हुए अजय मिश्रा भड़क उठे थे। पत्रकारों को धमकाते हुए धकिया दिया था। साथ ही अभ्रदता भी कर दी थी। इस पर उन्हें दिल्ली तलब कर लिया गया था। तब से विपक्ष भी उन पर व केंद्र की भाजपा सरकार पर ज्यादा हमलावर है। सदन की कार्यवाही भी व्यवधान होने के कारण चल नहीं पा रही है। अब नयी जानकारी यह सामने आ रही है कि आज असम के डिब्रूगढ़ में होने वाले सरकारी कार्यक्रम से भी टेनी का पत्ता कट गया है। दो दिन पहले वो गृह मंत्रालय में नजर आए थे, लेकिन उसके बाद से वो कैमरे के सामने आने से बच रहे हैं। लखनऊ में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का चुनावी कार्यक्रम था. अजय मिश्रा टेनी गृह राज्य मंत्री हैं और यूपी चुनावों को ध्यान में रखते हुए ही उन्हें कुछ समय पहले केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया गया, लेकिन लखनऊ में अमित शाह की सभा में भी वो कहीं नहीं दिखे।