250 करोड़ के घोटाले के आरोपी कैश कालेज के मालिक एसपी सिंह देशवाल को जमानत मिली
- इंद्रप्रस्थ एस्टेट सहकारी आवास से जुड़ा है घोटाला
- 2004 में हुई थी यह धोखाधड़ी
- 52 एकड़ जमीन पर आवास अधिकारी संग किया था घोटाला
- वीके चौधरी पहले ही जा चुका है जेल
- 2015 में कोर्ट के आदेश पर देशवाल के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा
मेरठ। कालेज आफ एप्लाइड एजुकेशन एंड हेल्थ साइसेंज के मालिक सत्यपाल सिंह देशवाल को जमानत मिल गयी है। 250 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप में देशवाल को गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ धोखाधड़ी के मुकदमे में कोर्ट से वारंट जारी हुआ था।
दरअसल, डौरली निवासी बिजेंद्र चौहान की शिकायत पर कालेज के चेयरमैन एसपी देशवाल के खिलाफ पल्लवपुरम थाने में 2015 में धोखाधड़ी का यह मुकदमा दर्ज किया गया था। धोखाधड़ी का यह मामला 2004 का है। रूड़की रोड स्थित इंद्रप्रस्थ एस्टेट सहकारी आवास समिति लि मेरठ की 52 एकड़ जमीन पर भूमाफियाओं से साठगांठ कर समिति को हाईजैक कर करीब 250 से 300 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। आवास समिति पर सत्यपाल सिंह देशवाल, राजमोहन, आरपीएस चौधरी को कब्जा कराने के लिये 2004 में तत्कालीन सहकारी आवास अधिकारी राजकुमार के साथ मिलीभगत कर साजिश रची गई थी। इसके बाद आवास समिति का फर्जी सर्टिफिकेट बना कर जारी कर दिया गया था। 2015 में कोर्ट के आदेश पर बिजेंद्र सिंह की तरफ से यह मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस मामले में पूर्व सहायक आवास आय़ुक्त वीके चौधरी को जेल भेजा जा चुका है।
अपने पैसे व रसूख के चलते जेल जाने से बच रहे देशवाल को बीते 18 दिसम्बर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। कोरोना काल के चलते देशवाल को मुख्य जेल न भेजकर छोटू राम स्थित अस्थायी जेल में रखा गया था। 21 दिसम्बर को उसे जमानत मिल गयी थी लेकिन अन्य दो मामलों के कारण देशवाल को जेल में ही रहना पड़ा था। आज धोखाधड़ी के आरोपी एसपी सिंह देशवाल को जमानत मिल गई।