सोतीगंज के वाहनों के खेल का भी “The End” होने जा रहा है – मोदी
- पूर्व में युवतियां शाम ढले घर से न निकलती थी
- घर से बाहर फब्तियां कसी जाती थी
- अपराधी खुलेआम खेल खेलते रहते थे
- लोग पलायन के लिये बाध्य होते थे
- अब योगी जी जेल जेल का खेल खेल रहे हैं
मेरठ के लिये रविवार का दिन कई इतिहासिक पल संजो कर लाया। पहला मेरठ में हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास हुआ तो दूसरा, आजादी के बाद नरेंद्र दास मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो औघड़नाथ मंदिर पहुंचे और भगवान शिव की आराधना की। सात सौ करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह खेल विश्वविद्यालय देश को बेहतर खिलाड़ी देने वाला साबित होगा। इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने अंदाज में पूर्व सरकारों पर तीखे वार किये तो अपनी डबल इंजन की सरकार के कार्यों को खूब सराहा भी, बात चाहे पलायन की रही हो या फिर सोतीगंज बाजार का बंद होना के लिये भी मोदी योगी की पीठ थपथपाने से पीछे नहीं रहे। पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व की सरकारों में अपराधियों का बोलबाला था, लोग पलायन करने को मजबूर थे, बेटियों पर खुले आम फब्तियां कसी जाती थी लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। सोतीगंज का वाहन काटने का कारोबार भी अब बंद होने के कगार पर पहुंच गया है।
सरधना विधानसभा क्षेत्र के सलावा गांव में खेल विश्वविद्यालय के शिलान्यास से पूर्व पीएम योगी पहले औघड़नाथ मंदिर पहुंचे, यहां भगवान शिव की आराधना की। इसके बाद वह शहीद स्मारक पहुंचे, अमर ज्योति को नमन करने के बाद उन्होंने संंग्रहालय पहुंचकर शहीदों को नमन किया। यहां से वह सीधे सलावा पहुंचे जहां शिलान्यास समारोह को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “पहले की सरकारों में यूपी में अपराधी अपना खेल खेलते थे, माफिया अपना खेल खेलते थे। पहले यहां अवैध कब्जे के टूर्नामेंट होते थे, बेटियों पर फब्तियां कसने वाले खुलेआम घूमते थे। हमारे मेरठ और आसपास के क्षेत्रों के लोग कभी भूल नहीं सकते कि लोगों के घर जला दिए जाते थे और पहले की सरकार अपने खेल में लगी रहती थी। पहले की सरकारों के खेल का ही नतीजा था कि लोग अपना पुश्तैनी घर छोड़कर पलायन के लिए मजबूर हो गए थे.”
उन्होंने कहा, ”अब योगी जी की सरकार ऐसे अपराधियों के साथ जेल-जेल खेल रही है। पांच साल पहले इसी मेरठ की बेटियां शाम होने के बाद अपने घर से निकलने से डरती थीं। आज मेरठ की बेटियां पूरे देश का नाम रोशन कर रही हैं.”। उन्होंने कहा, ”मेरठ, देश की एक और महान संतान, मेजर ध्यान चंद जी की भी कर्मस्थली रहा है. कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार का नाम दद्दा के नाम पर किया था। आज मेरठ की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मेजर ध्यान चंद जी को समर्पित की जा रही.”।
मेरठ में बने वाली मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में क्या होगा खास
– 700 करोड़ की लागत से बन रही है मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी
– आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी नई यूनिवर्सिटी
– एक साथ 1080 खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दी जा सकेगी
– एथलेटिक्स जैसे आउटडोर गेम्स के लिए 25 से 30 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी
– कुश्ती, खो-खो और कबड्डी जैसे खेलों के लिए 5 हजार की क्षमता वाला हॉल बनेगा
– यूनिवर्सिटी में सिंथेंटिक हॉकी मैदान, फुटबॉल मैदान होगा
– बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, हैंडबॉल, लॉन टेनिस कोर्ट भी होगा
– निशानेबाजी और तीरंदाजी के लिए शूटिंग रेंज भी होगा
– सिंथेटिक रनिंग स्टेडियम, स्विमिंग पूल जैसी सुविधाएं भी होंगी