बीएसए ने नहीं सुनी तो डीएम व सीडीओ का दरवाजा खटखटाया शिक्षकों ने
- शासनादेश के बावजूद बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक उपार्जित अवकाश से वंचित
- राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने दिया डीएम व सीडीओ को ज्ञापन
- कोविड काल में ग्रीष्म और शरद कालीन अवकाश में भी लिया गया शिक्षकों से कार्य
- कई बार बेसिक शिक्षा अधिकारी को राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने ज्ञापन देकर कराया था अवगत
मेरठ। आज राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ मेरठ के बैनर तले शिक्षकों ने विभिन्न समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को ज्ञापन दिया। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलामहामंत्री डॉ. छोटू राम के मुताबिक शिक्षक कोविड काल से निर्बाध रूप से स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यहाँ तक कि ग्रीष्म और सर्दी के अवकाश में भी बहुत से शिक्षक लगातार कार्य कर रहे हैं। जबकि शासनादेश में साफ है कि शिक्षकों को अवकाश के दिनों में कार्य कराने के एवज में उपार्जित अवकाश देय होगा। बावजूद इसके इसका पालन नहीं किया जा रहा है।
जिलाध्यक्ष विकेश कुमार ने बताया कि जब बेसिक शिक्षा अधिकारी के कान पर जूं नहीं चली तो मजबूरीवश शिक्षकों की समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी से मुलाकात का निर्णय लिया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने समस्याओं को गम्भीरता से सुनते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित कर समाधान का आश्वासन दिया है। इस मौके पर जिला संगठन मंत्री विनय कुमार ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि संगठनों की समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए उनका त्वरित समाधन किया जाए वहीं दूसरी ओर बेसिक शिक्षा अधिकारी को बार बार ज्ञापन देने के बाद भी उन्होंने इस समस्या का समाधान नहीं किया।
ज्ञापन देने वालों में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ,मेरठ के जिलाध्यक्ष विकेश कुमार, जिलामहामंत्री डॉ. छोटू राम, जिला संगठन मंत्री विनय कुमार,
क़िलापरिक्षित ब्लॉक अध्यक्ष डॉ. रतन सिंह, संयुक्त मंत्री कमलस्वरूप, संदीप कुमार, आदि शामिल रहे।