भाजपा को सजा दो….लेकिन घुमावदार- राकेश टिकैत
- जितना घुमावदार सवाल, उतना ही घुमावदार जवाब भी
- राकेश टिकैत की शैली में दिखती है अब परिपक्वता
- आंदोलन से पहले व बाद के टिकैत में कुछ अंतर नहीं पाते राकेश
- कहा-घुमावदार जवाब भी देने पड़ते हैं
- एक दौर वह भी रहा जब भावुक हो उठे थे राकेश टिकैत
- अब अपनी शैली में दूसरे के पाले में गेंद डालने में माहिर हो चुके राकेश
- फर्स्ट बाइट के सवाल के जवाब में दिया अप्रत्याशित जवाब
जितना घुमावदार सवाल उतना ही घुमावदार जवाब भी। न कहीं सवालों के जवाब में फंसना न ही उनसे उलझ कर अपना आपा खोना। बल्कि मुस्कराते हुए सहजता से कुछ इस तरह निकल जाना कि देखने वालों के चेहरे पर बरबस ही मुस्कराहट आ जाये। एक समय वह भी आया जब किसान आंदोलन खत्म होता देख भावुक हो उठे, तो एक दौर अब ऐसा भी कि जैसे सब सामान्य बात हो चली है। यहां बात हो रही है भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता राकेश टिकैत की। मेरठ पहुंचे राकेश टिकैत से जब फर्स्ट बाइट ने यह सवाल किया कि वह डेढ साल पहले और आज के परिपक्व राकेश टिकैत में क्या अंतर पाते हैं तो जवाब भी उन्होंने अपनी चिरपरिचित शैली में ही दे दिया। सवाल कई हुए लेकिन यह सवाल थोड़ा हटकर था। रवि शर्मा से हुई बातचीत देखिये।