- याकूब की फैक्ट्री अल फहीम मीटेक्स में मिला था पांच करोड़ का मीट
- 2019 से एमडीए ने कर रखी है फैक्ट्री सील
- बावजूद इसके वहां हो रही थी मीट की पैकेजिंग
- फैक्ट्री पर ध्वस्तीकरण व गिरफ्तारी की तलवार बराबर लटकी
- पुलिस ने डाल रखा है कैवियेट, चौतरफा घेरेबंदी
पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी को फिलहाल फौरी तौर पर मोहलत मिली है। हापुड़ रोड स्थित अल फहीम का ध्वस्तीकरण 26 अप्रैल तक के लिये रोक दिया गया है वहीं गिरफ्तारी से बचने के लिये दायर याचिका पर सुनवाई अब 22 अप्रैल को होगी। पैसे व रसूख के बल पर नियमों को ताक पर रख की जा रही मीट की पैकेजिंग के मामले में याकूब व परिवार पर पुलिस का शिकंजा कसा हुआ है। पुलिस ने याकूब से जुड़े मामलों में कैविएट दाखिल की हुई है। इसका फायदा पुलिस को यह होगा कि हाईकोर्ट याकूब पक्ष की सुनवाई से पहले पुलिस पक्ष भी सुनेगा।
दरअसल, पुलिस ने छह विभागों को साथ लेकर याकूब की मीट फैक्ट्री अल फहीम मीटेक्स प्रा. लि. पर छापा मारा था। इस फैक्ट्री में अवैध रूप से मीट की पैकेजिंग होती पायी गयी थी। गंभीर बात यह है कि 2019 से यह फैक्ट्री मेरठ विकास प्राधिकरण ने सील की हुई है। बावजूद इसके वहां बेहद गोपनीय तरीके से मीट की पैकेजिंग हो रही थी। पुलिस ने इस मामले में याकूब कुरैशी, पत्नी व दोनों बेटो इमरान व फिरोज समेत चौदह लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। फैक्ट्री में कार्यरत दस लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था जबकि याकूब और परिवार के सभी सदस्य तभी से फरार हैं। गिरफ्तारी से बचने व फैक्ट्री पर शासन प्रशासन का बुलडोजर चलने से रोकने के लिये ही याकूब एंड फैमिली ने हाईकोर्ट की शरण ली है। याकूब कुरैशी से जुड़े दोनों मामलों में आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने फिलहाल 26 अप्रैल तक फैक्ट्री के ध्वस्तीकरण पर अंतरिम रोक लगा दी है, अगली सुनवाई होने तक यह रोक लागू रहेगी। इसके अलावा गिरफ्तारी संबंधी मामले में सुनवाई नहीं हो पायी। दरअसल, सुनवाई करने वाले जज ने इस केस से स्वयं को अलग कर लिया। अब चीफ जस्टिस द्वारा नामित बैंच इस मामले की 22 अप्रैल को सुनवाई करेगी।