सरकार से सहयोग लेकर पर्यावरण को बचाना होगा- राजेश कुमार
- ग्लोबल सोशल कनेक्ट की गोष्ठी में जुटे पर्यावरणविद्ध
- सात फेरे रेस्तरा में आयोजित की गई गोष्ठी
- नागरिकों से पर्यावरण को बचाने के लिये आगे आने का आह्वान
- मेडिकल अवशिष्ट पेश कर रहे हैं गंभीर चुनौती- डा मधु वत्स
संभागीय वन अधिकारी, मेरठ राजेश कुमार ने कहा कि अन्य शहरों के मुकाबले मेरठ की जनता काफी जागरूक है और जनता को एकजुट होकर पर्यावरण को मुद्दा बनाने व मिलकर सरकार से मांग करने की जरूरत है। जब जनता की ओर से पर्यावरण पर गंभीर प्रयास होंगे तो सरकार की तरफ से पूरा सहयोग मिलेगा ही ।
संभागीय वन अधिकारी ग्लोबल सोशल कनेक्ट के सौजन्य से सात फेरे रेस्तरां के प्रांगण में अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। गोष्ठी का विषय “अंनत काल के लिए पृथ्वी की रक्षा ” था। । पर्यावरण विषयों के जानकार व पत्रकार संतोष शुक्ला सबसे महत्वपूर्ण बात है कि जनता पर्यावरण के लिए संवेदनशील बने क्योंकि संवेदना से ही कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी । जब तक हम पर्यावरण की समस्याओं के प्रति संवेदनशील नहीं होंगे और उनके लिए जानकारी नहीं जुटाएंगे तब तक गंभीर प्रयास नहीं हो पाएंगे । डॉ. मधु वत्स का कहना था कि जो भी अवशिष्ट पदार्थ जनता पैदा कर रही है उसके प्रति वह सजग हो जाएं क्योंकि वह इस समय बहुत ही गंभीर चुनौती पैदा कर रहा है विशेषकर जो अस्पतालों से मिलने वाला अवशिष्ट है, हमारे प्राकर्तिक संसाधनों को पूरी तरह से नष्ट कर रहा है , उसका प्रबंधन अति आवश्यक है । महिलाएं भी जो उनके द्वारा अवशिष्ठ सृजित किया जाता है उसे स्थानीय प्रयासों द्वारा समाप्त करने का प्रयास करें । डॉक्टर मंजू गुप्ता ने कहा कि शिक्षा में पर्यावरण को और ज्यादा महत्व देने की जरूरत है जिससे कि बच्चे और ज्यादा जागरूक हों और इसे केवल सिलेबस की तरह न लेकर महसूस करें ।
ग्लोबल सोशल कनेक्ट की अध्यक्षा ऋचा सिंह ने कहा कि बहुत जरूरी है कि लोग बाहर निकालें ,अपने बच्चों को बाहर लाएं । समाज से जुड़े कार्यक्रमों में अपने बच्चों को शामिल करें क्योंकि आने वाला भविष्य उन बच्चों का ही है और इस दुनिया को इन बच्चों को ही बचाना है। सचिव अभिषेक शर्मा ने कहा कि पर्यावरण तभी बचेगा जब मनुष्य ये समझ लेगा की धरती केवल इंसान के लिये नहीं है । जितनी प्रजाति ईश्वर ने धरती पर भेजी हैं उन सबका इस धरती पर बराबर का हक़ है और ये संभव तभी है जब हम हर एक जीव जंतु और संसाधन का बराबर का सम्मान करें , उसी सम्मान में एक दूसरे की रक्षा का विचार पैदा होगा । युवा कोऑर्डिनेटर उदित चौधरी ने कहा कि हम हर चीज़ का समाधान कानून में खोजते हैं । पर्यावरण के कानून पेड़ को कटने सर रोक सकते हैं लेकिन पेड़ लगाने के लिए प्रेरित नहीं कर सकते । पेड़ लगाने के लिए हमें सामाजिक जिम्मेदारी लेनी होगी ।
मंच का संचालन संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर राहुल गौतम ने करते हुए कहा कि हमने तो समुद्र को भी धकेलना आरम्भ कर दिया है जिसके परिणाम स्वरुप तीव्र गति से तुफान, असमय सूखा, बाढ़ की भयावहस्थिति , पहाडों का खिसकना इत्यादि इतना बढा़ दिया है कि मानो प्रकृति अपने रौद्र रुप में शामिल हो रही है। जिसके परिणाम घातक सिद्ध हो रहे हैं।
अंत में ग्लोबल सोशल कनेक्ट के कोऑर्डीनेटर विपुल सिंघल ने सभी को धन्यवाद पारित किया। कार्यक्रम में सोनम वर्मा , सविता त्यागी , बबिता सोम , नवीन अग्रवाल , अमरीश अग्रवाल , प्रशांत कौशिक , पीयूष अग्रवाल , लक्ष्मी शर्मा , प्राची मिश्रा , नीरू तोमर , कपिल , पल्लवी , प्रखर , रुद्राक्ष , कुशाग्र , माणिक आदि उपस्थित रहे।