उदयपुर के कन्हैयालाल की जिस तरह से ऐलानिया हत्या की गयी और हत्या का वीडियो वायरल किया गया उससे जहां जेहादी मानसिकता उजागर हुई वहीं इसे लेकर पूरे देश में गुस्से का माहौल है। जगह जगह निर्मम हत्यारे रियाज व गौस मोहम्मद के पुतले फूंकते हुए दोनों को फांसी की सजा देने की वकालत की जा रही है। इस कांड की जांच एनआईए को सौपे जाने के बाद यह जानकारी में आया है कि दोनों ही राजस्थान के आठ जिलों में आईएसआईएस के स्लीपर सेल बना रहे थे। दोनों उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, राजसमंद, टोंक, बूंदी, बांसवाड़ा,जोधपुर जिलों में धर्म के नाम पर युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहे थे। ऐसा इन लोगों द्वारा अपने वीडियो बनाकर किये गये वायरल से भी आभास हो रहा है। अरब देशों से भी इसकी फंडिंग होने के संकेत एनआईए को मिल रहे हैं। जांच जारी है।
यह भी जानकारी में लाया गया है कि कन्हैया लाल की हत्या दोनों हत्यारों ने करौली, जोधपुर, भीलवाड़ा के बाद उदयपुर में दंगा कराने के लिये की थी। 2014 में तीस लोगों के साथ ये कराची गये थे और वहां आतंकी ट्रेनिंग ली। उनके साथ उदयपुर के वसीम अख्तरी और अख्तर राजा भी थे। 45 दिन की ट्रेनिंग के बाद 1 फरवरी 2014 को दोनों भारत वापस आ गए थे और दोनों दावत-ए-इस्लामी और पाकिस्तान के राजनीतिक दल तहरीक-ए-लब्बैक के सम्पर्क में थे।
इस हत्याकांड की एक विशेष बात यह भी है कि हत्या के दौरान अपनी जान बख्शने के लिये कन्हैया बराबर रोता गिड़गिड़ाता रहा, उसे क्यों मारा जा रहा है कि यह भी बराबर पूछता रहा लेकिन इन दोनों हत्यारों को जरा सा भी रहम नहीं आया। दोनों ने ताबड़तोड़ उस पर बेहद अजीबोगरीब हथियार से प्रहार किये और सिर कलम कर दिया। यह चाकूनुमा हथियार उन्होंने कन्हैया की हत्या के लिये ही विशेष तौर से खुद बनाया था। रियाज मोहम्मद वेलडर का काम करता था। फिलहाल दोनों जांच एजेंसियों की गिरफ्त में हैं।