पश्चिम बंगाल: ‘लेफ्टओवर’ के तमगे से छुटकारा पाने के लिए लेफ्ट की मशक्कत ।।
Delhi / NCR Firstbyte update राष्ट्रीय

पश्चिम बंगाल: ‘लेफ्टओवर’ के तमगे से छुटकारा पाने के लिए लेफ्ट की मशक्कत ।।

Nov 30, 2020
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बिहार में लेफ्ट पार्टियों के असरदार प्रदर्शन ने पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में लेफ्ट फ्रंट कार्यकर्ताओं में उत्साह जगाया है. पश्चिम बंगाल चुनाव से कुछ महीने दूर है. बिहार में महागठबंधन के हिस्से के रूप में लेफ्ट पार्टियों ने 29 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए और 16 में जीत हासिल की. अगर 26 नवंबर को ट्रेड यूनियन्स की देशव्यापी हड़ताल की बात की जाए, जिसका लेफ्ट एक हिस्सा था, तो ‘भारत बंद’ का देश के अन्य राज्यों में तो असर फीका रहा लेकिन बंगाल के कई हिस्सों में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया. लेफ्ट ने बंगाल में अपने कार्यकर्ताओं को बंद को सफल बनाने के लिए सड़कों पर उतारा था.  बंगाल में कभी 34 साल तक लगातार शासन करने वाले लेफ्ट फ्रंट को राज्य में पिछले एक दशक से भी अधिक समय से चुनावी झटकों का सामना करना पड़ रहा है. भगवा उछाल के बावजूद लेफ्ट नेताओं को उम्मीद है कि जल्दी ही लेफ्ट के पक्ष में दोबारा माहौल बनेगा. लेफ्ट नेताओं को उम्मीद है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप, लचर कानून व्यवस्था, बेरोजगारी और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण जैसी परिस्थितियां लेफ्ट के दोबारा उभार की वजह बनेंगी ।।

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