पेट्रोल पंप पर धांधली का मास्टर माइंड सतेंद्र उर्फ देवेंद्र समेत सात लोग गिरफ्तार
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पेट्रोल पंप पर धांधली का मास्टर माइंड सतेंद्र उर्फ देवेंद्र समेत सात लोग गिरफ्तार

Nov 5, 2022
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  • नायरा के पेट्रोल पंपों पर एसटीएफ की छापेमारी
  • पांच पंपों भारी धांधली मिलने पर किये गये सील
  • राजस्व नुकसान के साथ वाहन स्वामियों को मोटी चपत
  • मशीनों में छेड़छाड़ कर लगा रहे थे रोजाना लाखों का चूना

एसटीएफ की टीम ने बीते दिवस मेरठ में पांच पेट्रोल पंप पर छापेमारी कर बड़ा भंडाफोड़ किया है। नायरा के पांच पेट्रोल पंपों पर जितना तेल दिखाई दे रहा था उसके टैंक में दोगुनी मात्रा में मिलावटी तेल भरा था। रोजाना लाखों के वारे न्यारे करने वाले इस खेल में ऐसी डिवाइस लगायी गयी है जिससे बड़े पैमाने वाहन चालकों की आंख में धूल झोकी जा सके, वह भी अन्य पेट्रोल पंपों की तुलना में अधिक रेट लेकर। पंप स्वामियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जा रही है।

सतेंद्र उर्फ देवेंद्र पुलिस गिरफ्त में।

एसटीएफ की कार्यवाही की जद में मेरठ के जो पेट्रोल पंप आये हैं उनमें रायल फिलिंग स्टेशन सैनी, परतापुर फिलिंग सेंटर, दिल्ली रोड बाईपास निकट फ्लाई ओवर, सिद्धबली फिलिंग सेंटर मवाना,  दिल्ली रोड फिलिंग स्टेशन माधवपुरम व शिव सर्विस स्टेशन, बागपत रोड सिंघावली अहीर, बागपत शामिल हैं। यहां पाई गई भारी अनियिमतताओं के चलते थाना परतापुर में  सतेंद्र उर्फ देवेंद्र कुमार पुत्र हरपाल सिंह, निवासी ग्राम लाक थाना कोतवाली शामली, हाल निवासी ई 215 ड्रीम सिटी, कंकरखेड़ा मेरठ, ऐश्वर्य गुप्ता पुत्र लोकेश गुप्ता, निवासी ए -30 टीपीनगर मेरठ, वीरेंद्र त्रिपाठी ( विक्रय अधिकारी नायरा कंपनी) माधवपुरम पंप के मालिक अवनीश गोयल, इंचौली थाने में पंप मालिक व मैनेजर राकेश गुप्ता निवासी 11/46 विकास बिहार मोहनपुर थाना सिविल लाइन, थाना सिंघावली अहीर बागपत में रविंद्र, सुधीर निवासी ग्राम रठोड़ा, थाना छपरौली के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। इन सातों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

छानबीन में प्रकाश में आया है कि सतेंद्र उर्फ देवेंद्र इस काले तेल के काले खेल का मास्टर माइंड है। बकौल सतेंद्र 2004 में किसान इंटर कालेज शामली से बीएससी करने के बाद उसने कुछ समय इंश्योरेंस सेक्टर में काम किया और फिर पेट्रोल पंप लाइन में आ गया। 2017 में एसटीएफ ने पेट्रोल पंपों पर चिप सिस्टम के जरिये पेट्रोल चोरी का भंडाफोड़ किया था। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सभी पंपों पर नई मशीनें लगाई गई। पुराने स्क्रैप से ही सतेंद्र ने इस तकनीक का इजाद किया और पचास से एक लाख रुपये लेकर पेट्रोल पंप पर इसे लगाने का धंधा करने लगा।

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