लूट, पिटाई और फिर हत्या ! UP पुलिस की वर्दी पर फिर ‘कस्टडी में हत्या’ का दाग
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लूट, पिटाई और फिर हत्या ! UP पुलिस की वर्दी पर फिर ‘कस्टडी में हत्या’ का दाग

Dec 14, 2022
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  • कानपुर देहात में पुलिस कस्टडी में शख्स की हत्या
  • परिजनो की मांग सीएम योगी के आगमन पर होगा अंतिम संस्कार
  • हत्या में आरोपी पूरी एसओजी टीम सस्पेंड

कानपुर देहात में पुलिस कस्टडी में एक शख्स की मौत होने से परिजनों ने हंगामा कर रखा है। इस पूरे मामले की जांच कराते हुए पूरी एसओजी टीम को सस्पेंड कर दिया गया है।उत्तर प्रदेश पुलिस की खाकी पर एक बार फिर दाग लग चुका है। कानपुर देहात में पुलिस कस्टडी में एक शख्स की मौत हो जाने के बाद हंगामा हो रहा है। परिजन हंगामा करते हुए शव का अंतिम संस्कार न करने की जिद पर अड़े हैं और मुख्यमंत्री योगी से इंसाफ के साथ कई मांग कर रहे हैं। इस मामले में पूरी एसओजी टीम को सस्पेंड कर दिया गया है।

आखिर कैसे कानपुर देहात विवादो में आया ?

6 दिसंबर की रात थी। शिवाली कोतवाली क्षेत्र के लालपुर सरैया गांव के रहने वाले चंद्रभान सिंह अपनी चुनी चोकर, पशु आहार व छोटी सी ज्वैलरी की दुकान बंद करके बाईक से घर जा रहे थे। जैसे ही वो कुछ दूरी पर पहुंचते हैं तभी बाईक सवार 3 बदमाश आते हैं और उनकी आंखों में मिर्ची पाउडर डालकर तमंचे के बल पर उनसे दो लाख रूपए की नगदी व 40 हजार रुपए की ज्वैलरी लूट लेते हैं।

चंद्रभान सिंह की सूचना पर पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई थी। एसपी ने बदमाशों की पकड़ के लिए एसओजी की टीम लगाई थी। पुलिस ने बताया कि 12 दिसंबर को एसओजी और पुलिस की संयुक्त टीम ने लालपुर सरैया गांव के ही रहने वाले अविनाश कुशवाहा, सूरज और कल्लू उर्फ शिवा को गिरफ्तार कर लिया था। इन आरोपियों ने पूछताछ में कई और लोगों के नाम बताए थे, जिसमें से एक आरोपी बलवंत सिंह को टीम ने पुछताछ के लिए भी बुलाया था।लेकिन बलवंत के परिजानों ने आरोप लगाया कि 12 दिसंबर को बलवंत सिंह गांव के ही रहने वाले राम राठौर और पारिवारिक भाई गुड्डू के साथ रनिया अपनी दुकान के लिए पिकप से चोकर लेने गए हुए थे। उसी दौरान पुलिस ने बलवंत को रनिया से उठा लिया और रनिया थाने में ले जाकर पिटाई की। बलवंत के भाई गुड्डू ने घर में आकर सभी को इसकी जानकारी दी। तभी परिवार के लोग रनिया थाने गए तो पुलिस की टीम बलवंत को पीट रही थी।

परिजनों ने आरोप लगाया कि 12 दिसंबर की रात पुलिस ने बलवंत कि इतनी पिटाई की कि 11 बजे पुलिस की पिटाई से बलवंत की मौत हो गई। और रात करीब 12 बजे पुलिस ने बलवंत के शव को पोस्टमार्टम हाउस में भिजवा दिया था। हत्या की खबर पर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे परिजनों ने पुलिस टीम पर हत्या का आरोप लगाया। जिसके बाद अगले दिन 13 दिसंबर की सुबह 8 बजे पुलिस और परिजनों की झड़प भी हुई थी।

जैसे ही बलवंत का शव पोस्टमार्टम हाउस से बाहर आया तो परिजनो ने बलवंत की पीठ के नीचे गहरे काले निशान बने हुए थे। जिसके बाद परिजन शव का पोस्टमार्टम कानपुर में करवाने पर अड़े थे। उनकी मांग थी कि आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो और उसके बाद पंचनामा भरा जाए। लगभग 8 घंटे तक चली जद्दोजहद के बाद मृतक के चाचा अंगद सिंह की तहरीर पर रनिया थाने में करीब 2:30 बजे दोपहर को आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ 147,302,504,506 की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।

इस बीच एसपी सुनीति ने कार्रवाई करते हुए एसओजी प्रभारी समेत 9 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। उसके बाद देर रात रनिया थाना अध्यक्ष शिव प्रकाश सिंह और स्वाट टीम के महेश गुप्ता को निलम्बित किया। परिजनों की मांग पर 13 दिसंबर की देर शाम मुकदमा दर्ज होने के बाद जिला प्रशासन टीम की निगरानी में शव को पोस्टमार्टम के लिए कानपुर भेज दिया गया।

अब अंतिम संस्कार करने के लिए परिजनों की मांग है कि मुख्यमंत्री के आगमन पर ही शव का अंतिम संस्कार करवाएंगे। इसी के साथ मृतक की पत्नी शालिनी सिंह को जीवन व्यापन के लिए सरकारी नौकरी के साथ ही एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग है।

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