एसओजी की एडिशनल एसपी गिरफ्तार, दो करोड़ की मांगी थी रिश्वत
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एसओजी की एडिशनल एसपी गिरफ्तार, दो करोड़ की मांगी थी रिश्वत

Jan 16, 2023
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दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांग कर परेशान करने के आरोप में अजमेर एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को गिरफ्तार कर लिया गया। जयपुर एसीबी टीम ने यह गिरफ्तारी करने के साथ ही कुल पांच स्थानों पर छापेमारी की गई है। वहीं दिव्या मित्तल ने पलट आरोप लगाया कि ड्रग माफियाओं के खिलाफ उनके द्वारा की जा रही कार्रवाई के चलते यह साजिश रची गई है। उन्होंने किसी से कोई रिश्वत नहीं मांगी है, अलबत्ता इस प्रकरण में जिले के कई बड़े अफसरों का हाथ है।

उधर, जयपुर एसीबी के एडिशनल एसपी बजरंग सिंह के मुताबिक एसीबी मुख्यालय जयपुर में पिछले दिनों इस आशय का केस दर्ज हुआ था कि निर्दोष होते हुए शिकायतकर्ता का नाम न रखने की एवज में दो करोड़ की रिश्वत मांग कर परेशान किया जा रहा है। शिकायतकर्ता ने एसीबी को बताया कि एसओजी एएसपी दिव्या मित्तल ने उससे कहा था कि तुम्हारे पास दलाल का फोन आएगा। इसके बाद दलाल ने फोन कर उन्हें उदयपुर बुलाया। वहां दिव्या मित्तल के रिसॉर्ट और फॉर्म हाउस में दलाल ने डरा-धमका कर दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी। इसके बाद एसीबी को शिकायत की गई। इस शिकायत का वेरिफिकेशन कराया गया। दलाल पैसे लेने आया भी। बकौल शिकायतकर्ता दिव्या मित्तल के लिये पहली किश्त के रूप में 25 लाख रुपये दलाल को देने थे लेकिन वह ट्रैप नहीं हो पाया और फरार हो गया।

एसीबी को घूस की डिमांड की बात सही होने की जानकारी मिली तो कोर्ट के आदेश से सर्च वारंट जारी करवाया। दिव्या मित्तल के सभी ठिकानों पर एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाया गया। अजमेर में जयपुर रोड पर स्थित एआरजी सोसायटी में दिव्या के फ्लैट में खुद दिव्या के सामने सर्च कार्रवाई को अंजाम दिया। अजमेर के अलावा जयपुर, उदयपुर और झुंझुनूं में 5 जगहों पर छापा चल रहा है।

कार्रवाई के दौरान मीडिया से बातचीत में दिव्या मित्तल ने कहा कि उन्हें ड्रग माफियाओं को ट्रैक करने का इनाम मिला है। उन्होंने कोई रिश्वत नहीं मांगी है। यह सब ड्रग माफियाओं का रैकेट है, ताकि उनके पास से फाइल हट जाए, क्योंकि वह उन्हें लगातार ट्रैक कर रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अजमेर जिला पुलिस के कई अधिकारी इसमें मिले हुए हैं।

दरअसल, मई 2021 में अजमेर पुलिस ने सोलह करोड़ रुपए से ज्यादा की नशीली दवाइयां पकड़ी थीं। इसमें जयपुर में 5.5 करोड़ और अजमेर में दो बार कार्रवाई कर 11 करोड़ की दवाइयां जब्त की जा चुकी हैं। यह सभी दवाइयां विभिन्न ब्रांड की थी, लेकिन अधिकांश में साल्ट ट्रामोडोल है। बता दें कि 23 मई 2021 को जयपुर की विश्वकर्मा पुलिस ने ट्रांसपोर्ट कंपनी के पास टेम्पो को पकड़ा था। इसमें मोहम्मद ताहिर को गिरफ्तार किया गया। इसमें करीब 5 करोड़ की दवाइयां थीं। 24 मई 2021 को अजमेर के रामगंज के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एक गोदाम में छापेमारी कर 114 कार्टन नशीली दवाएं बरामद की थी। इसकी कीमत 5.5 करोड़ रुपए बताई गई थी। 1 जून 2021 को रामगंज व अलवरगेट थाना पुलिस ने करीब 5 करोड़ 53 लाख रुपए कीमत की अवैध दवाओं के 110 कार्टन बरामद किए थे। इसमें 35 लाख टेबलेट, इंजेक्शन और सिरप थे।

नशीली दवाओं के मामले की जांच में लापरवाही पाने पर अजमेर जिला पुलिस के तत्कालीन डीएसपी मुकेश सोनी, क्लॉक टावर थानाधिकारी दिनेश कुमावत, एसओजी के इंस्पेक्टर भूराराम खिलेरी को रेंज से बाहर कर दिया था। इन पर आरोपियों को बचाने का आरोप था। तत्कालीन डीजीपी ने कोर्ट के आदेश के बाद तीनों को रेंज से बाहर कर दिया था।

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