साइबर नाइफ एस 7 से कैंसर की जटिता हुई खत्म
- यूपी के मरीजों के लिये वरदान बना वैलेन्टिस कैंसर हॉस्पिटल
- मेरठ में लंबे अरसे से कैंसर मरीजों के लिये समर्पित वैलेन्टिस
- कैंसर की जटिता हुई खत्म, साइबर नाइफ एस 7 है ना
- कैंसर मरीजों के लिए उम्मीद की किरण
- कैंसर अब लाइलाज नहीं रहा- डाॅ. अमित जैन
- साइबर नाइफ दुनिया की पहली रोबोटिक रेडिएशन थेरेपी मशीन
- वैलेन्टिस कैंसर हॉस्पिटल में स्थापित हुई साइबर नाइफ एस 7
कैंसर का इलाज अब हुआ पेन लैस। आपरेशन के बाद व पहले आने वाली परेशानियों..जटिलताओं को बेहद ही आसान तरीके से दूर किया जा सकता है। जो ट्यूमर आगे जाकर लोगों की जान पर बन आते हैं उन्हें अब बेहद सीमित समय में नष्ट किया जा सकता है। ऐसा संभव हो सका है साइबर नाइफ एस 7 से। मेरठ के वैलेन्टिस कैंसर हॉस्पिटल में यह सुविधा उपलब्ध हो गई है। देश की यह पहली मशीन है जो वैलेन्टिस कैंसर हॉस्पिटल में स्थापित की गई है। इस आशय का दावा करते हुए हॉस्पिटल निदेशक डॉ. अमित जैन,डा महीप सिंह गौड व डा.दिनेश सिंह ने कहा कि कैंसर मरीजों के लिये वरदान साबित हो रही साइबर नाइफ एस 7 से मेरठ में इस दिशा में पुन: क्रांति की शुरुआत हुई है।
डा. महीप सिंह गौड विमेंस हॉस्पिटल दिल्ली में गामा नाइफ न्यूरो रेडियो सर्जरी के डायरेक्टर रहे हैं जबकि डॉ दिनेश सिंह मैक्स हॉस्पिटल वैशाली के रेडिएशन विभाग के अध्यक्ष पद पर कार्यरत थे। चिकित्सा क्षेत्र की ये दिग्गज हस्तियां अब मेरठ के वैलेन्टिस कैंसर हॉस्पिटल में मरीजों का समुचित इलाज करने के लिए तत्पर हैं। शुक्रवार की रात आयोजित प्रेस क्रांफ्रेस में दिग्गज चिकित्सकों ने बताया कि रोबोटिक रेडिएशन बहुत ही सटीक तरह से सिर्फ ट्यूमर को केंद्रित करता है। इससे शरीर के आसपास के हिस्सों पर भी कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। अब बड़े ट्यूमर का इलाज भी वैलेन्टिस कैंसर हॉस्पिटल में शुरू हो गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित साइबर नाइफ एस 7 द्वारा एक से पांच बार की सिटिंग में ही इलाज पूर्ण हो जाता है, जबकि कई कैंसर में तीस से 35 बार जटिल प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता था। देखिये ……..