जाट महासभा ने कहा आज समाज को “जयश्रीराम” बोलने वालों से ज्यादा खतरा
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जाट महासभा ने कहा आज समाज को “जयश्रीराम” बोलने वालों से ज्यादा खतरा

Sep 24, 2023
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  • मेरठ में जाट प्रांतीय महासम्मेलन आयोजित
  • हम पहले से राम राम भाई बोलते आये हैं
  • अब एक वर्ग जयश्रीराम बोलने वालों का है
  • ये हमें हिंदू व राम भक्त होने का प्रमाण पत्र देते हैं
  • भिखमंगों और व्यापारियों की है सरकार -युद्धवीर सिंह

2024 की राजनीतिक बिसात बिछनी तेज हो गई है। ऊंट को किस करवट बैठाया जाये इस पर भी तेजी से मंथन होने लगा है। चुनावी होते जा रहे माहौल में लगे हाथ जाट आरक्षण की मांग भी जोर पकड़ने लगी है। इन सब के बीच मेरठ में हुए जाट प्रांतीय महासम्मेलन में महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि मौजूदा समय में समाज को सबसे बड़ा खतरा जयश्रीराम बोलने वालों से है। इन लोगों से अपनी पीढ़ी को बचाना होगा। सम्मेलन में वक्ताओं ने भाजपा व आरएसएस पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना भी लगाया। सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय सेवाओं में जाटों को आरक्षण देने की मांग करते हुए किया गया है।

मेरठ में रविवार को आयोजित जाट प्रांतीय महासम्मेलन में महासभा के महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि एक हमारा समाज है, जो राम राम भाई बोलता है, दूसरा समाज जयश्रीराम बोलने वालों का है। भावी पीढ़ी को यदि समाप्त होने से बचाना है तो जयश्रीराम वाले समाज से दूर रहना होगा। क्योंकि समाज को आज सबसे बड़ा खतरा इन जय श्रीराम बोलने वालों से है।

महासचिव का कहना था कि हमने शुरू से ही राम-राम कहा। इसलिये हमने बड़ा कोई राम भक्त कैसे हो सकता है लेकिन आज हिंदू या राम भक्त साबित करने के लिये हमें एक पार्टी के दफ्तर से प्रमाण पत्र लेना की जरूरत पड़ रही है। हम तो थे ही रामभक्त। हमारे राम तो कण-कण में हैं। लेकिन, अब ये जय श्रीराम का कल्चर आ गया है। जय श्रीराम और राम-राम में अंतर है। अपनी पीढ़ी को जय श्रीराम से नहीं बचाया तो नष्ट हो जाओगे।

युद्धवीर सिंह ने कहा कि आज भिखमंगों और व्यापारियों के हाथ में देश है। इन्हें कभी देश से प्यार नहीं होता। कहते हैं 1857 में मेरठ से क्रांति की शुरुआत हुई, ये गलत है। 1193 में भाचू, बलेड़ा से पहला स्वतंत्रता संग्राम हमारी खाप पंचायत ने लड़ा था। जब फिरंगियों को मारकर भगाया। लेकिन, लिखने वालों ने सच्चाई नहीं लिखी। उन्हें हमसे एलर्जी थी, क्योंकि हम उनकी दुकान पर नहीं जाते थे। 1857 की लड़ाई मंगल पांडे ने शुरू की। उसने कारतूस के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। देश के खिलाफ मंगल पांडे की लड़ाई नहीं थी, लेकिन इतिहास में उन्हें आजादी की लड़ाई का आगाजकर्ता लिखा गया। युद्धवीर सिंह का यह भी कहना था कि खापों के आठ हजार मल्ल दिल्ली में देश की सुरक्षा में बलिदान हुए लेकिन इतिहास में उनका कहीं जिक्र नहीं। इतिहास झूठ का पुलिंदा है।

वहीं, चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि जाटों को आरक्षण मिलना चाहिए। आरक्षण समाज का हक है। भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष के मुताबिक मेरठ में होने वाले प्रांतीय सम्मेलन में बालियान खाप के चौधरी, मलिक खाप के अध्यक्ष, तोमर देश खाप के अध्यक्ष, भारतीय जाट महासभा के राष्ट्रीय महासचिव, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, जाट समाज के चिंतक भाग लेंगे। उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड से लोग जुटे हैं। अब एक अक्टूबर को मेरठ में जाट संसद का आयोजन करने का निर्णय लिया गया है।

इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड सहित गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल से जाट समाज के प्रतिनिधियों के साथ देश व दुनिया भर से जाट समाज के नेता शामिल होंगे।

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