मेरठ के विद्या मंदिर प्रकाशन के कर्मचारी ने नौकरी से निकाले जाने पर आत्महत्या की
मेरठ। एजुकेशन कंप्लीट करने के बाद अमित चौधरी ने अपने कीमती दस साल मेरठ के विद्या मंदिर प्रकाशन को दिये थे। लाकडाउन के बाद कास्ट कटिंग का खेल शुरू हुआ तो अमित चौधरी को दूध से मक्खी की तरह निकाल फेंका गया। जरिये बने एच आर मैनेजर नेहा गौतम, सीटीपी इंचार्ज यशपाल सिंह और गौरव माहेश्वरी। अमित गिड़गडाया कि अकेले उसे हटाने से इतनी बड़ी कंपनी का कोई बड़ा फायदा नहीं होगा लेकिन विद्या मंदिर प्रकाशन मैनेजमेंट का दिल नहीं पसीजा। और..अंत में सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर अमित चौधरी ने आत्महत्या कर ली। इस आत्महत्या को उसने कत्ल की संज्ञा देते हुए इसके लिये इन तीनों को जिम्मेदार बताया है। यह बात और है कि बिना मैनेजमेंट की इच्छा के अमित चौधरी को तो नौकरी से हटाया नहीं गया होगा। सोशल मीडिया पर अपलोड की गई वीडियो यह साबित करने के लिये काफी है कि बाल बच्चेदार व्यक्ति को नौकरी के लिये कितनी जलालत झेलनी पड़ती है और कितना उसका शोषण किया जाता है।
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