एएमयू में कोरोना का कहर, बीस दिन में सोलह लोगों की मौत, दहशत का आलम
-विश्वविद्यालय परिसर में कोरोना का नंगा नाच
-हर आम ओ खास के चेहरे पर है दहशत
-वीसी ने लिखा जांच के लिये पत्र
अलीगढ़। कोविड-19 की मार यूं तो पूरे देश पर ही पड़ी हुई है लेकिन यूपी के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मौत द्वारा खेले जा रहे नंगे नाच ने सभी को परेशान कर दिया है। दहशत का आलम यह है कि यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च को विश्वविद्यालय में लिये गये कोविड नमूनों की तत्काल जांच कराने के लिए पत्र लिखा है। ये सभी नमूने विश्वविद्यालय में बनी आईसीएमआर से प्रमाणित लैब ने इकट्ठा किए हैं। एएमयू प्रशासन की इच्छा कोविड-19 नमूनों की जीनोम स्टडी कराने की है।
वीसी तारिक मंसूर ने पत्र में लिखा है कि वह जितना जल्द हो सके, यूनिवर्सिटी में इकट्ठा हुए कोविड सैंपल्स की जीनोम स्टडी कराएं, जिससे यह पता चल सके कि क्या यूनिवर्सिटी में कोविड का नया म्यूटेंट विकसित हुआ है। अलीगढ़ में बीते दिनों कई कर्मचारियों और सोलह फैकल्टी मेंबर्स (वर्तमान और रिटायर्ड) की कोरोना से मौत हुई है। यह सभी लोग यूनिवर्सिटी के कैंपस में ही रहते थे। यूनिवर्सिटी के अनुसार सभी सैंपल्स को जांच के लिए दिल्ली में सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जिनॉमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायॉलजी में भेजा गया है.
एएमयू ने यह शक भी जताया है कि मौतों के आंकड़ों में इजाफा वायरस के किसी नए वर्जन के कारण हो रहा है. हालांकि आईसीएमआर या सरकार ने अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। शुक्रवार की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले बीस दिन में सोलह वर्किंग और दस रिटायर्ड फैकल्टी सदस्यों को कोरोना निगल चुका है। कुलपति तारिक मंसूर के बड़े भाई की भी कोरोना वायरस की चपेट में आने से मौत हो गई है. बुधवार को प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान और संस्कृत विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. खालिद बिन यूसुफ (56) का निधन हो गया था। वे ऋग्वेद में डॉक्टरेट अर्जित करने वाले पहले मुस्लिम विद्वान थे।
इन शिक्षकों की गई जानें
पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद अली खान (60), राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो काजी मोहम्मद जमशेद (55), मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. साजिद अली खान (63), संग्रहालय विभाग के अध्यक्ष मोहम्मद इरफान (62), महिला अध्ययन केंद्र के डॉ. अजीज फैसल (40), इतिहास विभाग के डॉ. जिबरईल (51), अंग्रेजी विभाग के डॉ। मोहम्मद यूसुफ अंसारी (46), उर्दू विभाग के डॉ. मोहम्मद फुरकान संभली (43) और जूलॉजी विभाग के प्रफेसर सैयद इरफान अहमद (62) शामिल हैं।