व्हाट्स अप पर 1, 2 और 3 टिक के सभी दावे फर्जी, ये है हकीकत
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व्हाट्स अप पर 1, 2 और 3 टिक के सभी दावे फर्जी, ये है हकीकत

May 27, 2021
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-ट्वीटर ने तीन माह का समय मांगा

-व्हाट्स अप ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

-सोशल मीडिया कंपनी को शिकायतों का करना होगा निस्तारण

-तीन बड़े भारतीय अफसरों की करनी होगी नियुक्ति

-सामान्य यूजर्स को डरने की जरूरत नहीं- रवि शंकर प्रसाद 

नई दिल्ली। सोशल मीडिया को कानून के दायरे में लाने की शुरू हुई कवायद के तहत नये आईटी नियम 26 मई से प्रभावी होने थे लेकिन सोशल मीडिया कंपनियों ने अभी इसे लागू नहीं किया है। ट्ववीटर ने इसे लागू करने के लिये तीन माह का वक्त मांगा है तो व्हाट्स अप दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा चुका है। इस बीच, सोशल मीडिया पर फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर को लेकर नई पालिसी के तहत तमाम तरह के फर्जी मैसेज वायरल हो रहे हैं।

ऐसे ही एक मैसेज में दावा गया है कि नए आईटी नियम लागू होने के बाद सभी व्हाट्सएप कॉल रिकॉर्ड होंगे व सभी तरह की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। साथ ही यह दावा भी किया जा रहा है कि फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी ने एक नया टिक सिस्टम लागू किया है। दो ब्ल्यू टिक और एक रेड टिक का मतलब होगा कि सरकार कार्रवाई कर सकती है, जबकि तीन रेड टिक का मतलब होगा कि सरकार ने अदालती कार्रवाई शुरू कर दी है। इसमें यहां तक कहा जा रहा है कि यदि कोई यूजर्स सरकार के खिलाफ या किसी धार्मिक मुद्दे पर नकारात्मक संदेश शेयर करता है, तो उसको गिरफ्तार कर लिया जाएगा। तीन रेड टिक की भी बात कही जा रही है। फर्स्ट बाइट के पाठकों व दर्शकों को बता दें कि ये सभी दावे फर्जी हैं और नए आईटी नियमों में ऐसा कुछ नहीं है। आपको याद होगा कि तीन रेड टिक का कुछ ऐसा ही मैसेज पिछले साल भी वायरल हुआ था, उस वक्त भी इसे कंपनी द्वारा खारिज कर दिया गया था।

दरअसल, नए आईटी नियमों को 26 मई से प्रभावी होना था लेकिन सोशल मीडिया कंपनियों ने इसे लागू नहीं किया है। नई गाइडलाइंस के अनुसार, सभी सोशल मीडिया कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर किसी पोस्ट के लिए शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। इसके तहत कंपनियों को तीन अधिकारियों (चीफ कॉम्प्लियांस ऑफिसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेसिडेंट ग्रेवांस ऑफिसर) को नियुक्त करना है। ये अधिकारी भारत के ही रहने वाले होने चाहिए। इनका कॉन्टेक्ट नंबर सोशल मीडिया वेबसाइट और ऐप पर होना अनिवार्य है। यही नहीं, इन अधिकारियों के लिए शिकायत का अपडेट देने के लिए पंद्रह दिन की समयसीमा भी तय की गई है। इसके अलावा अगर कोई गलत/फेक पोस्ट वायरल हो रही है तो सरकार कंपनी से उसके ऑरिजनेटर के बारे में पूछ सकती है। यानी पहली बार किसने आगे बढ़ाया। यही वह प्वाइंट है जिसे लेकर सरकार व कंपनियों में विवाद है। व्हाट्सएप का कहना है कि यह नियम एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को तोड़ देगा और लोगों के निजता के अधिकार को कमजोर करेगा जबकि आज ही केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने स्पष्ट कर दिया है कि सामान्य यूजर्स को इन नियमों से डरने की जरूरत नहीं है।

 

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