मणिपुर डिप्टी कमिश्नर के ऑर्डर को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती, कहा था- सरकारी कर्मचारियों को वैक्सीन नहीं तो सैलरी नहीं ।।
- मणिपुर डिप्टी कमिश्नर के ऑर्डर को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती
- कहा – सरकारी कर्मचारियों को वैक्सीन नहीं तो सैलरी भी नहीं
मणिपुर : बिस्णुपुर जिले के उपायुक्त कृष्ण कुमार द्वारा दिए गए हालिया आदेश में सभी सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों को 31 अगस्त तक कोविड की वैक्सीन लगाने को कहा गया था. आदेश के अनुसार ऐसा नहीं करने पर सरकारी कर्माचारियों और शिक्षकों को वेतन नहीं देने और वेतन रोकने की बात कही गई थी. गुरुवार को इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दी गई , बिस्णुपुर के डिप्टी कमिश्नर ने राज्य सरकार और तामेंगलोंग जिला प्राधिकरण द्वारा दो अन्य इसी तरह के आदेश दिया, जिसने टीकाकरण को अनिवार्य शर्त बनाकर आगे बढ़ाया गया. अब मणिपुर हाईकोर्ट ने डिप्टी कमीश्नर के इन दोनों आदेशों पर रोक लगा दी है। कोविन पर उपलब्ध वैक्सीन डेटा के अनुसार जिले में 1,48,367 लोगों को वैक्सीन 25 अगस्त तक लगाई जा चुकी है. जिसमें 1,23,900 लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक दी गई है और 24,467 लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराक दे दी गई है । कुमार ने बताया कोविड-19 महामारी को देखते हुए और 2022 विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर मानव जीवन को बचाने के लिए और उनके भलाई के लिए सरकारी कर्मचारियों के लिए कोविड टीकाकरण अनिवार्य किया था । इस आदेश में कहा गया था कि निर्देश का पालन नहीं करने पर अंसबद्ध अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन सितंबर यानी अगले महीने तक, जब तक कर्माचरी टीकाकरण न करा लें रोक दिया जा सकता है , कुमार ने यह भी बताया कि मैने यह आदेश इसलिए दिया क्योंकि अगले साल फरवरी-मार्च में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में मैं नहीं चाहता कि कोई भी सरकारी कर्मचारी टीकाकरण न कराने का बहाना कर चुनाव की ड्यूटी से दूर रहे । हाईकोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि सार्वजानिक लाभ के लिए टीकाकरण बढ़ाने की इच्छा रखना ठीक नहीं है. अदालत ने कहा सरकार का कार्य भ्रांतियां दूर कर टीकाकरण को बढ़ावा देना है और कोई भी राज्य नागरिकों पर अपनी शर्ते लागू कर उन्हें अपने इस्तेमाल के लिए मजबूर नहीं कर सकता है ।।